फिर एक दिन अचानक उस शख्स ने एक बच्ची को छोड़ कर बाकी दोनों बच्चों को दूसरे रूम में जाने के लिए कहा। शख्स ने अपनी नौकरानी से कहा कि वो भी जाए वह उस बच्ची के हाथ धुलवा कर आता है। थोड़ी ही देर बाद एक जोर की आवाज आई और नीचे भीड़ इकठ्ठा हो गया। सोर सुनकर नौकरानी ने दूसरे कमरे से नीचे देखा तो इमारत के सामने भीड़ लगी हुई थी। तीन साल की बच्ची गिरी हुई पड़ी थी।
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कुछ समय बाद पुलिस को एक चिठ्ठी मिलती हैं। इस चिठ्ठी में लिखा था कि काला जादू के लिए छोटी बच्ची की बलि चाहिए। इस चिठ्ठी से पूरी सच्चाई बाहर आ जाती हैं। मकान में रहने वाले शख्स से पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की। जिसके बाद उसने सच बोल दिया। उसने बताया कि अफ्रीका में उसे यह एहसास हुआ था कि उस पर काला जादू किया गया है। इससे बचने के लिए किसी बच्चे की बलि देनी पड़ेगी। जिसके बाद मौका मिलते ही उसने अपने पड़ोसी की तीन साल की जुड़वा बेटियों में से एक की बलि का प्लान बनाया और उसे ऊपर से फेंक दिया। घटनास्थल की रेकी के दौरान कुछ और बातों से पुलिस को हत्या का शक हो गया था। कमरे की जिस खिड़की से बच्ची गिरी थी वहा बच्ची का पहुंचना आसान नहीं था। कमरे में खिड़की की ऊंचाई तीन साल की बच्ची के हिसाब से ज्यादा था। इसके अलावा बच्ची अगर गिरी होती तो वो इमारत की दीवार से सटी हुई जमीन पर पड़ी मिलती। लेकिन वो कुछ दूरी पर पड़ी हुई मिली थी। यानी वो बच्ची सातवीं मंजिल से नीचे फेंकी गई थी।
बता दें कि साल 2019 में हुई इस घटना के रहस्य से पर्दा अब जाकर उठा है। अफ्रीका के मोरक्को में काम करने वाला आरोपी मुंबई के कोलाबा इलाके का रहने वाला है। आरोपी की पहचान अनिल चुगानी रूप में हुई है। जिस पड़ोसी की बच्ची की उसने हत्या की है, उनका नाम प्रेम कुमार है। प्रेम कुमार की बच्ची को जिस क्रूरता के साथ आरोपी ने फेंका, उससे पुलिस भी सकते में है।