‘सीएम शिंदे के बेटे ने दी मेरी सुपारी…’, संजय राउत ने फडणवीस और पुलिस कमिश्नर को लिखा पत्र
माटुंगा थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दादर निवासी अनिल क्षीरसागर ने दर्ज कराई थी। कोरोना काल में क्षीरसागर की नौकरी छूट गई थी। रोजगार के लिए उन्होंने अपना बायोटाडा एक रिक्रूटमेंट वेबसाइट पर अपलोड किया था। आरोपियों ने वहीं से क्षीरसागर का नंबर चुराया। इसके बाद अनिल को फोन आया। उन्हें बताया गया कि दुबई की एक बड़ी कंपनी में उनके लिए नौकरी है। उन्हें ई-मेल से बताया गया कि कंपनी में उनका चयन हो गया है। अलग-अलग कारण बताते हुए क्षीरसागर से 1.80 लाख रुपए ऐंठे गए। नौकरी कब मिलेगी, इसका जवाब देने के बजाय आरोपी अनिल से और पैसे की डिमांड करते रहे। ठगी की आशंका के चलते क्षीरसागर ने पैसे लौटाने को कहा तो आरोपियों ने संपर्क तोड़ दिया। फिर मामला पुलिस के पास पहुंचा।ऐसे सुलझा केस
केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया। कॉल रिकॉर्ड व फंड ट्रांसफर डिटेल्स से मदद मिली। इसी आधार पर पुलिस टीम उत्तर प्रदेश गई। पुलिस ने इस मामले में विकास कुमार यादव (Vikas Kumar Yadav) और ऋषभ मनीष दुबे (Rishabh Dubey) को गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने आरोपियों को 28 फरवरी तक पुलिस रिमांड में दिया है।
कई शहरों में फैला ठगी का नेटवर्क
विकास व मनीष का ठगी का जाल देश के कई शहरों में फैला था। विदेश में रोजगार अवसरों की तलाश कर रहे लोगों को आरोपी शिकार बनाते थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक का दौरा कर चुके हैं। जांच पूरी होने पर ही पता चलेगा कि उन्होंने कितने लोगों के साथ धोखधड़ी की है।