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Mumbai Kamathipura : गलियों में अब भी इन्तजार है

एशिया की सबसे बड़े सेक्स वर्करों के क्षेत्र दक्षिण मुंबई के कमाठीपुरा, फाकलेंड रोड में करीब साढ़े आठ हजार सेक्स वर्करों के सामने भूखमरी की स्थिति बन गई है। योगिता ( बदला हुआ नाम ) ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से 20 मार्च से कोई नहीं आया, जो पैसे थे वे सारे खर्च हो गए अब आगे का जीवन कठिन हो गया है।

मुंबईApr 08, 2020 / 05:59 pm

Binod Pandey

Mumbai Kamathipura : गलियों में अब भी इन्तजार है

Mumbai Kamathipura : गलियों में अब भी इन्तजार है

गंगाराम विश्वकर्मा
मुंबई. जिन गलियों में कभी घुंघरू,ढोलक के संगीत बीच आशिकों का फेरा होता था अब उन गलियों में कोरोना के डर से सिर्फ स्यापा दिखाई देता है। एशिया की सबसे बड़े सेक्स वर्करों के क्षेत्र दक्षिण मुंबई के कमाठीपुरा, फाकलेंड रोड में करीब साढ़े आठ हजार सेक्स वर्करों के सामने भूखमरी की स्थिति बन गई है। योगिता ( बदला हुआ नाम ) ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से 20 मार्च से कोई नहीं आया, जो पैसे थे वे सारे खर्च हो गए अब आगे का जीवन कठिन हो गया है।
Mumbai Kamathipura : गलियों में अब भी इन्तजार है
शमिता ( बदला हुआ नाम ) के पास तीन बच्चें है, उसने बताया कि हम तो पहले से ही बेसहारा हैं अगर लॉक डाउन ऐसे ही रहा तो हम सब भूखे मर जाएंगे। उसने बताया कि यहां पर निचले तबके के लोग ही आते हैं इस लिए दिन की कमाई दो से तीन सौ रूपये तक ही हो पाती है, इन पैसों में घर चलाना मुश्किल होता है। सेक्स वर्करों के लिए काम करने वाली संस्था सोशल एक्टिव्हीटीज इंटिग्रेशन के संस्थापक विनय वस्त ने बताया कि सेक्स वर्करों के पास राशन कार्ड नहीं है इस लिए ये सरकारी सहायता की भी पात्र नहीं बनती। विनय वस्त 1991 से इन इलाकों में काम कर रहे हैं। वे सेक्स वर्करों के बच्चों के लिए एक स्कूल चलाते हैं जिसमें 45 बच्चे हैं, उनको प्रतिदिन भोजन का पैकेट भी देते रहे हैं अब स्कूल बंद है तो करीब दो सौ पैकेट प्रतिदिन जरूरतमंद सेक्स वर्करों को दे रहे हैं। उनका कहना है कि इससे कुछ नहीं होगा , यहां तो कोरोना महामारी भूखमरी बनती जा रही है।

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