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Mumbai Human Story News : पिता ने यह क्या किया कि पुत्र को मिल गया जीवनदान

बेटे ( Son ) को मौत के करीब जाते देख पिता ( Father ) सुखदेव वाघमारे (60) से रहा नहीं गया और उन्होंने पुत्र की जान बचाने ( To Save Son’s Life ) का फैसला लेते हुए अपनी किडनी ( Kidney ) बच्चे को दे दी।

मुंबईDec 19, 2019 / 05:57 pm

Binod Pandey

Mumbai Human Story News : पिता ने यह क्या किया कि पुत्र को मिल गया जीवनदान

नवी मुंबई. बेटे को मौत की मुंह के करीब जाते देख पिता ने अपनी जिंदगी जीने की लालसा छोड़कर पुत्र की जान बचाने के लिए अपनी किडनी दे दी। बेटे को जीवनदान दिया। पेशे से चालक पिता की उम्र ढलान की ओर बढऩे के कारण काम छोड़कर घर में ही बैठकर जीवन यापन कर रहे हैं, इसी बीच पुत्र की दोनों किडनी डैमेज होने की खबर से परिवार आहत हो गया।
बेटे को दोबारा जीवनदान देगी मां

पिछले दो साल से डायलिसिस पर चल रहे पुत्र की तबियत में कोई सुधार नही होते देख पिता ने पुत्र को बचाने का फैसला लिया और वाशी स्थित एमजीएम हॉस्पिटल में अपनी किडनी बेटे को ट्रांसप्लांट करने को तैयार हुआ। पिता के इस कदम की सराहना की जा रही है। बाद में उन्हें आर्थिक सहायता देने के लिए कई लोगों ने हाथ बढ़ाया है।
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Mumbai Human Story News : पिता ने यह क्या किया कि पुत्र को मिल गया जीवनदान
वाशी स्थित कोपरी गांव में पिछले करीब 35 वर्ष से अपने परिवार के साथ रह रहे करीब 35 से 40 वर्षीय परशुराम वाघमारे की दोनों किडनी खराब हो गई थी, लेकिन पिछले दो वर्ष से डायलिसिस किया जा रहा था, इसके बावजूद तबियत में कोई सुधार नहीं हो रहा था, ऊपर से आर्थिक स्थिति भी नाजुक होते जा रही थी। आखिरकार बेटे को मौत के करीब जाते देख पिता सुखदेव वाघमारे (60) से रहा नहीं गया और उन्होंने पुत्र की जान बचाने का फैसला लेते हुए अपनी किडनी बच्चे को दे दी। कोपरी गांव निवासी पिता के इस कार्य को सलाम कर रहे हैं तो एनसीपी पदाधिकारी परशुराम ठाकुर ने इलाज के लिए आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
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परशुराम मित्र मंडल की तरफ से आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है। सुखदेव वाघमारे इससे पहले ड्राइवर की नौकरी करके परिवार का भरण पोषण करते थे, लेकिन उम्र की ढलान एवं अस्वस्थ रहने के कारण उन्होंने नौकरी छोड़कर घर बैठ गए थे। वाशी स्थित एमजीएम हॉस्पिटल जाकर अपनी किडनी देकर बच्चे की जान में जान डाल दिया। एमजीएम के डॉक्टर अमित ने पिता की किडनी बेटे को ट्रांसप्लांट किया और वर्तमान में पिता-पुत्र पूरी तरह सुरक्षित हैं।
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