मिली जानकारी के मुताबिक, कैसर खालिद उस समय सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कमिश्नर थे. जांच से पता चला कि खालिद ने महाराष्ट्र पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय को सूचित किए बिना ईजीओ मीडिया कंपनी को निर्धारित सीमा से बड़ी होर्डिंग लगाने की अनुमति दी थी। सरकारी आदेश में में कहा गया है कि खालिद ने होर्डिंग लगाने को अपने स्तर पर मंजूरी देने में प्रशासनिक चूक और अनियमितताएं कीं।
पूर्व जीआरपी कमिश्नर के खिलाफ यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब मुंबई पुलिस होर्डिंग लगाने वाली कंपनी और आईपीएस अधिकारी की पत्नी के बिजनेस पार्टनर से जुड़े कथित पैसों के लेनदेन की जांच कर रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, होर्डिंग लगाने के लिए जिम्मेदार कंपनी Ego मीडिया विज्ञापन एजेंसी और आईपीएस अधिकारी कैसर खालिद की पत्नी के बिजनेस पार्टनर अरशद खान के बीच पैसों के लेनदेन का पता चला है. हालांकि क्राइम ब्रांच अभी तक खालिद और उसकी पत्नी के उन बैंक खातों का पता नहीं लगा पाई है और न ही उनसे अब तक कोई सीधा लेनदेन के सबूत मिले है। कथित तौर पर लेनदेन के लिए लगभग 10 या उससे अधिक बैंक खातों का उपयोग किया गया था। इसमें कुल रकम करीब 46 लाख रुपये होने की खबर है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, घाटकोपर त्रासदी के मुख्य आरोपी ईजीओ मीडिया कंपनी (Ego Media Advertising Agency) के मालिक भावेश भिंडे के खिलाफ 100 से अधिक नोटिस और जुर्माना जारी किया गया था। यह नोटिस और जुर्माना होर्डिंग लगाने संबंधित नियमों के उल्लंघन को लेकर था। इससे पता चलता है कि अगर समय पर त्वरित कार्रवाई की गई होती तो घाटकोपर होर्डिंग हादसे को रोका जा सकता था।
गौरतलब हो कि मुंबई के घाटकोपर के पंतनगर इलाके में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के किनारे रेलवे पुलिस पुलिस की जमीन पर भावेश भिंडे की कंपनी ने अवैध रूप से 14,400 वर्ग फुट का होर्डिंग लगाया था। जो होर्डिंग 13 मई की शाम करीब 04:30 बजे तेज आंधी से उखड़ गया और पेट्रोल पंप पर जा गिरा। सैकड़ों किलो वजनी होर्डिंग के नीचे दर्जनों वाहन दब गए। इस घटना में 17 लोगों की मौत हुई और 70 से अधिक घायल हुए।
हादसे के बाद होर्डिंग लगाने वाली विज्ञापन कंपनी का निदेशक भावेश भिंडे फरार हो गया। हालांकि 72 घंटे तक फरार रहने के उसे राजस्थान के उदयपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल वह हिरासत में है।