मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा दायर चार्जशीट के मुताबिक, तहव्वुर राणा 26/11 आतंकी हमले की साजिश में गहराई से शामिल था। पुलिस ने बताया कि वह हमलों से पहले 21 नवंबर तक दो दिन के लिए पवई उपनगर में स्थित होटल में ठहरा था।
मुख्य साजिशकर्ताओं से मिला था तहव्वुर राणा
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने यूएपीए (UAPA) के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के समक्ष सोमवार को मामले में चौथी चार्जशीट दायर की। माना जा रहा है कि राणा ने 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमेन हेडली (David Headley) और ISI के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा था।
पवई के होटल में ठहरा
आरोपपत्र में उल्लेख किया गया है कि तहव्वुर हुसैन राणा 11 नवंबर 2008 को भारत आया था और 21 नवंबर तक देश में रहा। मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उसने दो दिन पवई (Powai) के रेनेसां होटल (Renaissance Hotel) में बिताए थे।
पर्यटक वीजा दिलवाने में की मदद
अधिकारी ने कहा, “हमें राणा के खिलाफ दस्तावेजी साक्ष्य और कुछ बयान मिले हैं जिनमें साजिश में उसकी भूमिका पता चलती है। दस्तावेजी साक्ष्य से पता चलता है कि राणा 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक डेविड कोलमैन हेडली के साथ साजिश में सक्रिय रूप से शामिल था। राणा ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हेडली को भारतीय पर्यटक वीजा दिलाने में मदद भी की थी।“
ISI और लश्कर से कनेक्शन
उन्होंने कहा कि राणा ने कथित तौर पर 26/11 के आतंकवादी हमलों को अंजाम देने में लश्कर-ए-तैयबा की मदद की थी। क्राइम ब्रांच को राणा और हेडली के बीच ईमेल पर हुई बातचीत मिली है। 26/11 आतंकी हमलों से संबंधित एक ईमेल में हेडली ने मेजर इकबाल की ईमेल आईडी के बारे में पूछा था। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए काम करने वाले मेजर इकबाल को भी मुंबई हमले मामले में आरोपी बनाया गया है।
26/11 को क्या हुआ था?
मालूम हो कि भारत के लिए एक बड़ी जीत तब हुई जब एक अमेरिकी अदालत ने मुकदमे का सामना करने के लिए मई महीने में 62 वर्षीय राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी। मुंबई 26/11 आतंकी हमलों में 6 अमेरिकियों सहित कुल 166 लोगों की मौत हुई थी। समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से मुंबई आये 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने शहर के प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण स्थानों पर एक साथ हमला किया था। एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था और फिर उसके खिलाफ मुकदमा चलाया गया था। विशेष अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। 21 नवंबर 2012 में पुणे की येरवडा सेंट्रल जेल में कसाब को फांसी दी गई।
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मुख्य साजिशकर्ताओं से मिला था तहव्वुर राणा
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने यूएपीए (UAPA) के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के समक्ष सोमवार को मामले में चौथी चार्जशीट दायर की। माना जा रहा है कि राणा ने 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमेन हेडली (David Headley) और ISI के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा था।
पवई के होटल में ठहरा
आरोपपत्र में उल्लेख किया गया है कि तहव्वुर हुसैन राणा 11 नवंबर 2008 को भारत आया था और 21 नवंबर तक देश में रहा। मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उसने दो दिन पवई (Powai) के रेनेसां होटल (Renaissance Hotel) में बिताए थे।
पर्यटक वीजा दिलवाने में की मदद
अधिकारी ने कहा, “हमें राणा के खिलाफ दस्तावेजी साक्ष्य और कुछ बयान मिले हैं जिनमें साजिश में उसकी भूमिका पता चलती है। दस्तावेजी साक्ष्य से पता चलता है कि राणा 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक डेविड कोलमैन हेडली के साथ साजिश में सक्रिय रूप से शामिल था। राणा ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हेडली को भारतीय पर्यटक वीजा दिलाने में मदद भी की थी।“
ISI और लश्कर से कनेक्शन
उन्होंने कहा कि राणा ने कथित तौर पर 26/11 के आतंकवादी हमलों को अंजाम देने में लश्कर-ए-तैयबा की मदद की थी। क्राइम ब्रांच को राणा और हेडली के बीच ईमेल पर हुई बातचीत मिली है। 26/11 आतंकी हमलों से संबंधित एक ईमेल में हेडली ने मेजर इकबाल की ईमेल आईडी के बारे में पूछा था। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए काम करने वाले मेजर इकबाल को भी मुंबई हमले मामले में आरोपी बनाया गया है।
26/11 को क्या हुआ था?
मालूम हो कि भारत के लिए एक बड़ी जीत तब हुई जब एक अमेरिकी अदालत ने मुकदमे का सामना करने के लिए मई महीने में 62 वर्षीय राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी। मुंबई 26/11 आतंकी हमलों में 6 अमेरिकियों सहित कुल 166 लोगों की मौत हुई थी। समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से मुंबई आये 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने शहर के प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण स्थानों पर एक साथ हमला किया था। एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था और फिर उसके खिलाफ मुकदमा चलाया गया था। विशेष अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। 21 नवंबर 2012 में पुणे की येरवडा सेंट्रल जेल में कसाब को फांसी दी गई।
यह हमला 26 नवंबर को शुरू हुआ था और 29 नवंबर तक चला था। इस दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताजमहल पैलेस एंड टॉवर, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन सामुदायिक केंद्र जैसे स्थानों को निशाना बनाया गया था।