मुंबई में ‘जागरूक माता-पिता, स्वस्थ बच्चे’ अभियान की शुरुआत 9 फरवरी से की गई। अभियान के तहत 18 वर्ष और उससे कम उम्र के बच्चों की जांच की जा रही है। बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 3 मार्च तक 4,40,930 बच्चों की जांच की गई, जिसमें 28,931 बच्चे बीमार पाए गए।
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एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, ‘आमतौर पर हम बीएमसी के स्कूलों के छात्रों की जांच करते हैं, लेकिन इस बार इस अभियान के तहत हम 18 साल की उम्र तक के सभी बच्चों की जांच कर रहे हैं। अधिकांश बच्चे और किशोर जिन्हें समस्याएँ थीं, उनमें डेंटल, त्वचा, आंख और ऊपरी श्वसन पथ का संक्रमण के मामले सबसे अधिक है। हम यह पता लगा रहे है कि क्या इन बच्चों में किसी को कोई बड़ी बीमारी तो नहीं है। हमने बच्चों को आगे के इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में रेफर कर दिया है।” बीएमसी के अनुसार, स्क्रीनिंग के लिए 265 टीमों का गठन किया गया है। जिसमें 32 टीमें स्कूलों के लिए, 161 टीमें वार्डों के लिए है। जबकि 72 टीमों में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के सदस्य शामिल हैं।
स्क्रीन किए गए बच्चों की संख्या
अब तक 0 से 6 साल के 1,70,252 बच्चों और 6 से 10 साल के 94,903 और 10 से 18 साल के 1,75,775 बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गई है।