महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है। म्हाडा के नए नियम के तहत अब लोग उन किफायती घरों के लिए भी आवेदन कर सकते है, जो उनकी आय श्रेणी से एक अधिक है। म्हाडा द्वारा प्रत्येक आय समूह को बांटा गया है, जिसके आधार पर घरों का आकार होता है और लोग अपनी पात्रता के हिसाब से लॉटरी के लिए आवेदन करते हैं।
क्या है नया नियम?
उदाहरण के तौर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के अंतर्गत आने वाले लोग इस आय वर्ग के साथ-साथ निम्न आय वर्ग (LIG) के तहत भी आवेदन कर सकते हैं, जो उनके आय वर्ग से ठीक ऊपर आता है। इसी तरह, जिनकी आय 6 लाख रुपये से 9 लाख रुपये के बीच है, वे अभी निम्न आय वर्ग में आते है, लेकिन वह नए नियम के तहत मध्यम आय वर्ग (MIG) के लिए बनाये जा रहे घरों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. इससे निम्न आय वर्ग के लोग 90 वर्गमीटर तक का बड़ा घर खरीदने के पात्र होंगे। जो कि पुराने नियम के तहत 60 वर्गमीटर (निम्न आय वर्ग का घर का आकार) तक सिमित था।
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क्या है नया नियम?
उदाहरण के तौर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के अंतर्गत आने वाले लोग इस आय वर्ग के साथ-साथ निम्न आय वर्ग (LIG) के तहत भी आवेदन कर सकते हैं, जो उनके आय वर्ग से ठीक ऊपर आता है। इसी तरह, जिनकी आय 6 लाख रुपये से 9 लाख रुपये के बीच है, वे अभी निम्न आय वर्ग में आते है, लेकिन वह नए नियम के तहत मध्यम आय वर्ग (MIG) के लिए बनाये जा रहे घरों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. इससे निम्न आय वर्ग के लोग 90 वर्गमीटर तक का बड़ा घर खरीदने के पात्र होंगे। जो कि पुराने नियम के तहत 60 वर्गमीटर (निम्न आय वर्ग का घर का आकार) तक सिमित था।
हालांकि, एचआईजी (HIG) आवेदक केवल अपने स्वयं के आय वर्ग के घर के लिए आवेदन कर सकेंगे। जबकि जो लोग मध्यम आय वर्ग के अंतर्गत आते हैं, वह भी अपने आय वर्ग से ऊपर यानी उच्च आय वर्ग के घरों के लिए आवेदन कर सकते है। हालांकि, उच्च आय वर्ग (HIG) के आवेदक केवल अपने आय वर्ग में ही आवेदन कर सकेंगे।
एमआईजी और एचआईजी के घर हुए छोटे
एक अन्य निर्णय में मध्यम आय वर्ग (Middle Income Group) और उच्च आय वर्ग (High Income Group) के लिए घरों के पात्र क्षेत्र को क्रमशः 160 वर्ग मीटर और 200 वर्ग मीटर से घटाकर 90 वर्ग मीटर और 90 वर्ग मीटर से अधिक कर दिया गया है। यानी इन दोनों आय वर्ग के घरों का आकार कम किया गया है, जिससे इन घरों की कीमतों में भी भारी कमी आयेगी।
मालूम हो कि मुंबई जैसे बड़े शहरों में ईडब्ल्यूएस के घरों के लिए आवेदक की वार्षिक आय 6 लाख रुपये, एलआईजी के फ्लैटों के लिए आवेदक की वार्षिक आय 9 लाख रुपये, एमआईजी के फ्लैट के लिए आवेदक की वार्षिक आय 12 लाख रुपये और एचआईजी के फ्लैट के लिए आवेदक की वार्षिक आय 12 लाख रुपये से ज्यादा होनी चाहिए।