गैर-मराठी अखिलेश शुक्ला ने दावा किया है कि उनके मराठी भाषी दोस्तों ने ही उन्हें बचाया। उन्होंने कहा, पीड़ित परिवार उन्हें पिछले एक साल से प्रताड़ित कर रहा है और उन्हें इमारत से भगाने की धमकी दे रहा है। वीडियो के जरिए अपना पक्ष रखने के बाद शुक्ला ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। उन्हें हिरासत में लिया गया है। इस बीच, राज्य सरकार ने अखिलेश शुक्ला के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है।
कल्याण पश्चिम के योगीधाम इलाके में अजमेरा हाइट्स बिल्डिंग में यह घटना बुधवार को हुई, जिसका वीडियो गुरुवार से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सीनियर इंस्पेक्टर अमरनाथ वाघमोड़े ने बताया कि आज अखिलेश शुक्ला ने खड़कपाड़ा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। हम अन्य आरोपियों को पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
पुलिस ने शुक्ला और उनकी पत्नी गीता तथा अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 74, धारा 115 और धारा 351 (3) समेत प्रासंगिक धाराओं में मामला दर्ज किया है।
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पुलिस के अनुसार, यह हमला 18 दिसंबर की रात करीब पौने नौ बजे किया गया तथा आरोपी और पीड़ित कल्याण में इमारत की एक ही मंजिल पर रहते हैं। शिकायत के अनुसार, पीड़ित ने शुक्ला को अपने एक पड़ोसी से अगरबत्ती जलाने को लेकर झगड़ते देखा। इसके बाद वह जब बीच बचाव करने पहुंचे तो आरोपी दंपत्ति भड़क गए और आठ-दस लोगों को बाहर से बुलाया और उसकी और पत्नी की पिटाई कर दी। आरोप है कि शुक्ला दंपत्ति ने पूरे मराठी भाषी समुदाय को अपमानित करने वाली बातें भी कही। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस घटना को लेकर शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने राज्य सरकार पर हमला बोला। शुक्रवार को उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद मराठी भाषी लोगों पर हमले बढ़ गए हैं। मराठी मानुष (मराठियों) पर हमला करने की साजिश रची जा रही है और कल्याण की घटना इसकी शुरुआत है। मराठी मानुष को मुंबई से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है और ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि मराठी मानुष ठाणे और कल्याण में न रहें।