जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने देर रात में करीब तक एक घंटे तक मराठा आंदोलन से उपजे हालत का जायजा लिया। इस बैठक में प्रदेश भर के कलेक्टर और सभी पुलिस प्रमुख मौजूद रहे। मराठा आंदोलन के दौरान संपत्ति और जान-माल को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया गया है। साथ ही मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी करने का भी निर्देश दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि हिंसात्मक माहौल होने पर सख्त कार्रवाई की जाए।
इस बैठक में संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से मुआवजा लेने पर भी चर्चा हुई। राज्य में कई जगहों पर बसें और नेताओं के घर जला दिए गए। सबसे ज्यादा उपद्रव बीड जिले में हुआ है। बीड शहर में मराठा आरक्षण को लेकर हुई हिंसक घटनाओं के मद्देनजर धारा-144 लागू की गयी है।
मराठा आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने सोमवार को बीड शहर में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के कार्यालय में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों के समूह ने एनसीपी विधायक संदीप क्षीरसागर (Sandeep Kshirsagar) और राज्य के पूर्व मंत्री जय क्षीरसागर (Jay Kshirsagar) के आवासों को भी फूंक दिया।
सोमवार दोपहर में बीड में ही एनसीपी के विधायक प्रकाश सोलंके के आवास को भी मराठा प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया और पथराव के बाद आगजनी की। अजित पवार गुट के नेता सोलंके ने कहा कि वह और उनका परिवार सुरक्षित है, लेकिन आग के कारण संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है।