मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) ने सरकार के सामने कई शर्तें रखीं है। उन्होंने कहा, किसी भी स्थिति में एक महीने के बाद राज्य में मराठों को प्रमाण पत्र वितरित करना होगा। प्रदर्शनकारियों पर राज्य में दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएं। दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्रियों और सभी मंत्रियों को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। मुझे सब कुछ लिखित में देना होगा, वो भी एक समय-सीमा के साथ।
अनशन खत्म करने के लिए ये शर्त
जरांगे पाटिल ने यह भी कहा है कि उपवास तोड़ते समय मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्रियों, उदयराजे भोसले और संभाजीराजे भोसले को आना होगा। मैं एक महीने का समय दे रहा हूँ। लेकिन मैं धरना स्थल से नहीं हटूंगा। हमने मराठा आरक्षण के लिए 40 साल दिए हैं, अब एक महीना और देंगे। यदि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री, उदयराजे भोसले और संभाजीराजे भोसले मुझे लिखकर टाइम बाउंड के साथ मेरी मांग पूरी करने का वादा करें तो मैं अपना अनशन समाप्त कर दूंगा।
इसलिए सरकार को दिया समय
मनोज जरांगे ने कहा, “…जब तक हमे आरक्षण का प्रमाण नहीं मिल जाता हम रुकेंगे नहीं। सड़क जाम करने से आरक्षण नहीं मिलेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि आरक्षण की प्रक्रिया में समय लगेगा। इसलिए सरकार को एक महीने का समय दिया है। किसान आठ महीने तक दिल्ली में बैठे रहे.. इसलिए हम सरकार को एक महीने का समय देंगे। हमारी लड़ाई अब अंतिम चरण में है। हम भले ही सरकार को समय दे रहे हैं, लेकिन आंदोलन खत्म नहीं हुआ है।”
सीएम शिंदे ने दी प्रतिक्रिया
मराठा कार्यकर्ता (Maratha Activist) मनोज जरांगे की डिमांड पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, “मैं उनसे बात करूंगा और उन्हें जो भी कहना है उसे सुनूंगा। महाराष्ट्र आरक्षण को लेकर सरकार सकारात्मक है। सर्वदलीय बैठक बुलाकर सरकार ने उनसे मराठा आरक्षण पर सुझाव लिया। मैं उनसे बात करूंगा और उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा…।”
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अनशन खत्म करने के लिए ये शर्त
जरांगे पाटिल ने यह भी कहा है कि उपवास तोड़ते समय मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्रियों, उदयराजे भोसले और संभाजीराजे भोसले को आना होगा। मैं एक महीने का समय दे रहा हूँ। लेकिन मैं धरना स्थल से नहीं हटूंगा। हमने मराठा आरक्षण के लिए 40 साल दिए हैं, अब एक महीना और देंगे। यदि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री, उदयराजे भोसले और संभाजीराजे भोसले मुझे लिखकर टाइम बाउंड के साथ मेरी मांग पूरी करने का वादा करें तो मैं अपना अनशन समाप्त कर दूंगा।
इसलिए सरकार को दिया समय
मनोज जरांगे ने कहा, “…जब तक हमे आरक्षण का प्रमाण नहीं मिल जाता हम रुकेंगे नहीं। सड़क जाम करने से आरक्षण नहीं मिलेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि आरक्षण की प्रक्रिया में समय लगेगा। इसलिए सरकार को एक महीने का समय दिया है। किसान आठ महीने तक दिल्ली में बैठे रहे.. इसलिए हम सरकार को एक महीने का समय देंगे। हमारी लड़ाई अब अंतिम चरण में है। हम भले ही सरकार को समय दे रहे हैं, लेकिन आंदोलन खत्म नहीं हुआ है।”
सीएम शिंदे ने दी प्रतिक्रिया
मराठा कार्यकर्ता (Maratha Activist) मनोज जरांगे की डिमांड पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, “मैं उनसे बात करूंगा और उन्हें जो भी कहना है उसे सुनूंगा। महाराष्ट्र आरक्षण को लेकर सरकार सकारात्मक है। सर्वदलीय बैठक बुलाकर सरकार ने उनसे मराठा आरक्षण पर सुझाव लिया। मैं उनसे बात करूंगा और उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा…।”
बता दें कि मनोज जरांगे पूरे महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन का चेहरा हैं। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पिछले 15 दिनों से जालना जिले के अंबड तालुका के अंतरवाली सराटी गांव में भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इतने दिनों से मनोज जरांगे के पेट में अन्न का एक दाना भी नहीं गया है। जिससे वह बहुत कमजोर हो गए है। मेडिकल टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही हैं।