मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर ओबीसी समाज के लोगों ने बैठक भी की। इस बैठक में अन्न त्याग कर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। खबर है कि ओबीसी समन्वय समिति की ओर से रविवार को पूर्व विधायक नारायणराव मुंडे की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गयी। जिसमें ओबीसी और घुमंतू जाति जनजातियों के समन्वय समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान ओबीसी की विभिन्न मांगों और समुदाय के साथ हो रहे अन्याय पर चर्चा की गई। इस चर्चा के दौरान जन आंदोलन की रूपरेखा भी तय की गई।
यह हैं प्रमुख मांगें-
— मराठा समाज को कुनबी बताकर ओबीसी प्रमाणपत्र नहीं दिया जाना चाहिए।
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इसके तहत 13 सितंबर को सुबह दस बजे औरंगाबाद के क्रांति चौक पर धरना-प्रदर्शन कर अन्न त्याग आंदोलन शुरू किया जायेगा। इसके साथ ही मराठा को ओबीसी कोटे में आरक्षण देने का विरोध बढ़ने की उम्मीद है।यह हैं प्रमुख मांगें-
— मराठा समाज को कुनबी बताकर ओबीसी प्रमाणपत्र नहीं दिया जाना चाहिए।
— सभी जातियों की जातिवार जनगणना तत्काल कराई जाए। — मराठा समुदाय को कुनबी (ओबीसी) के रूप में अब तक दिए गए सभी जाति प्रमाणपत्र को रद्द किया जाए। — ओबीसी, वीजेएनटी, एसबीसी विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति महंगाई इंडेक्स के अनुसार बढ़ाई जाए।
— जिन व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की छात्रवृत्ति बंद कर दी गई है। उसे तुरंत चालू किया जाए। — समन्वय समिति की मांग है कि सरकारी उद्योगों का निजीकरण रोका जाए और सरकारी नौकरियों में प्राइवेट कंपनी जैसे भर्ती से जुड़ा अध्यादेश तुरंत रद्द किया जाए।
ओबीसी समाज को आंदोलन करने की जरुरत नहीं- CM शिंदे
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सोमवार को मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम शिंदे ने ओबीसी आरक्षण को लेकर राज्य सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, हम मराठा समुदाय को आरक्षण देने की कोशिश कर रहे हैं। हालाँकि, यह आरक्षण किसी अन्य समुदाय के आरक्षण को कम किए बिना दिया जाएगा। ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा, जिससे दो समुदायों के बीच विवाद पैदा हो। इसलिए ओबीसी समुदाय को आंदोलन करने की कोई जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट कहा कि ओबीसी आरक्षण को कोई नुकसान नहीं होगा।
ओबीसी समाज को आंदोलन करने की जरुरत नहीं- CM शिंदे
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सोमवार को मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम शिंदे ने ओबीसी आरक्षण को लेकर राज्य सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, हम मराठा समुदाय को आरक्षण देने की कोशिश कर रहे हैं। हालाँकि, यह आरक्षण किसी अन्य समुदाय के आरक्षण को कम किए बिना दिया जाएगा। ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा, जिससे दो समुदायों के बीच विवाद पैदा हो। इसलिए ओबीसी समुदाय को आंदोलन करने की कोई जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट कहा कि ओबीसी आरक्षण को कोई नुकसान नहीं होगा।