महाराष्ट्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दल मराठा आरक्षण देने पर राज्य सरकार के साथ खड़े रहे। लेकिन मराठा समुदाय पर इसका कुछ खास असर नहीं पड़ा है। मराठा आंदोलन के प्रमुख नेता मनोज जरांगे पाटील ने कहा कि सरकार को कितना समय चाहिए और क्यों? समय दिया जाए तो क्या सरकार पूरे मराठा समुदाय को आरक्षण देगी? हालांकि, उन्होंने कहा कि वह अपने समुदाय के लोगों से सरकार के रुख पर चर्चा करेंगे और अगला कदम बताएंगे।
कानून के तहत देंगे आरक्षण
इससे पहले पत्रकारों से बात करते हुए सीएम शिंदे ने कहा, “सर्वदलीय बैठक में सभी इस बात पर सहमत हुए कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए…यह निर्णय लिया गया कि आरक्षण कानून के दायरे में होना चाहिए और अन्य समुदायों के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए।”
आरक्षण के नाम पर हिंसा गलत- CM
सर्वदलीय बैठक के बाद सीएम ने कहा कि आरक्षण के नाम पर हिंसा करना ठीक नहीं है। शिंदे ने कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से अनुरोध करता हूं कि सरकार के प्रयासों पर भरोसा रखें… यह विरोध एक नई दिशा लेने लगा है…आम लोगों को असुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए। मैं सभी से शांति बनाए रखने और राज्य सरकार के साथ सहयोग करने का अनुरोध करता हूं।”
अनशन खत्म करने की अपील
जालना में मनोज जरांगे की भूख हड़ताल का आज आठवां दिन है। उन्होंने ऐलान किया है कि मराठा आरक्षण पर ठोस निर्णय नहीं होने पर वे आज शाम से पानी पीना बंद कर देंगे। दरअसल छठे दिन तबियत बिगड़ने के बाद समुदाय के लोगों के अनुरोध पर जरांगे ने पानी पीना शुरू किया था। उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद ही मराठा समुदाय ने राज्य भर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
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कानून के तहत देंगे आरक्षण
इससे पहले पत्रकारों से बात करते हुए सीएम शिंदे ने कहा, “सर्वदलीय बैठक में सभी इस बात पर सहमत हुए कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए…यह निर्णय लिया गया कि आरक्षण कानून के दायरे में होना चाहिए और अन्य समुदायों के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए।”
आरक्षण के नाम पर हिंसा गलत- CM
सर्वदलीय बैठक के बाद सीएम ने कहा कि आरक्षण के नाम पर हिंसा करना ठीक नहीं है। शिंदे ने कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से अनुरोध करता हूं कि सरकार के प्रयासों पर भरोसा रखें… यह विरोध एक नई दिशा लेने लगा है…आम लोगों को असुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए। मैं सभी से शांति बनाए रखने और राज्य सरकार के साथ सहयोग करने का अनुरोध करता हूं।”
अनशन खत्म करने की अपील
जालना में मनोज जरांगे की भूख हड़ताल का आज आठवां दिन है। उन्होंने ऐलान किया है कि मराठा आरक्षण पर ठोस निर्णय नहीं होने पर वे आज शाम से पानी पीना बंद कर देंगे। दरअसल छठे दिन तबियत बिगड़ने के बाद समुदाय के लोगों के अनुरोध पर जरांगे ने पानी पीना शुरू किया था। उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद ही मराठा समुदाय ने राज्य भर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
आंदोलन जारी रहेगा- जरांगे
मनोज जरांगे ने पत्रकार से कहा, “सरकार को कितना समय चाहिए और किस लिए चाहिए? क्या आप पूरे मराठा समुदाय को आरक्षण देंगे? यह मुझे बताओ। सर्वदलीय बैठक में क्या चर्चा हुई? इसकी डिटेल जानने की बिल्कुल भी इच्छा नहीं है।”
उन्होंने कहा, ”सरकार ने गरीबों के बच्चों पर केस दर्ज करने का काम शुरू किया है.. आरक्षण दो.. इधर-उधर की बात करना बंद कर दो। क्या आप मराठों को तुरंत कुनबी प्रमाणपत्र देंगे? आपके मन में क्या है वह बताओ?”
‘लड़ने के लिए तैयार हूं’
मनोज जरांगे ने स्पष्ट कहा, ‘हमें सरकार का अध्यादेश स्वीकार नहीं हैं.. हमें आधा आरक्षण नहीं चाहिए। जब तक हमें आरक्षण नहीं मिल जाता, हमारा आंदोलन नहीं रुकेगा… आठ दिन तक खून जलाने के बाद वह जागे। लेकिन मैं अपने समाज के लिए लड़ने के लिए तैयार हूं। मराठा समाज को उकसाया जा रहा है।‘
‘लड़ने के लिए तैयार हूं’
मनोज जरांगे ने स्पष्ट कहा, ‘हमें सरकार का अध्यादेश स्वीकार नहीं हैं.. हमें आधा आरक्षण नहीं चाहिए। जब तक हमें आरक्षण नहीं मिल जाता, हमारा आंदोलन नहीं रुकेगा… आठ दिन तक खून जलाने के बाद वह जागे। लेकिन मैं अपने समाज के लिए लड़ने के लिए तैयार हूं। मराठा समाज को उकसाया जा रहा है।‘