मुंबई

Maharastra Election : ग्राउंड रिपोर्ट : सत्ता की राह आसान करने वाला जलगांव जूझ रहा समस्याओं से

विधानसभा की 11 सीट वाले जिले में विकास की महती दरकार
न शहरी सड़कें ठीक हैं, न फोरलेन का काम तेज हो रहा
औद्योगिक विकास नहीं होने से लोगों का पलायन करना मजबूरी

मुंबईOct 19, 2019 / 11:42 pm

Binod Pandey

Maharastra Election : ग्राउंड रिपोर्ट : सत्ता की राह आसान करने वाला जलगांव जूझ रहा समस्याओं से

राजीव जैन
जलगांव. मध्यप्रदेश से सटे खानदेश के जलगांव जिले की 11 विधानसभा सीटें सत्ता के दरवाजे पर दस्तक देने में बड़ी भूमिका निभाती हैं। इन सीटों पर बहुमत मिलना यानी सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने की राह आसान होना। लेकिन, खुद जलगांव ही समस्याओं से जूझ रहा है। यहां भाजपा के साथ शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मैदान में हैं। कई स्थानों पर भाजपा के सामने मजबूत प्रत्याशियों का टोटा है। पर, मुद्दों की बात करें तो भुसावल, जलगांव जैसे बड़े शहरों की सड़कें गड्ढों से पटी हैं। इन पर चलना दूभर है तो धूल फांकते हुए सफर करना मजबूरी। ग्रामीण इलाकों की सड़कें फिर भी बेहतर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 15 दिन में एक बार पानी मिलना लोगों के लिए परेशानी का सबस है, जबकि चोपड़ा से महज 10 किलोमीटर में तापी जैसी बड़ी नदी और जलसंपदा मंत्री का गृह जिला होने के बावजूद समस्या का हल नहीं निकल पाया है। यह राजनीतिक इच्छाशक्ति और विकास के रोडमेप से दूरी को दर्शाता है।

कैसा हाइवे जो बनता नहीं, किसान भी परेशान

जलगांव का हाइवे, फोरलेन में तब्दील हो रहा है। इसकी सुस्त चाल अखरने लगी है। दूसरी बार आचार संहिता लगने के कारण काम और ज्यादा ठंडा हुआ है। कपास की फसल अच्छी होने के बावजूद किसानों के सामने नए नियमों का अडंगा आड़े आ रहा है। खासतौर से छोटे किसान नकद के स्थान पर चेक पेमेंट और उस पर भी 2 फीसदी टीडीएस कटने से गुस्से में हैं। उन्हें फसल बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

खड़से का कटा पत्ता, बेटी को टिकट

प्रदेश के सबसे बड़े ओबीसी नेता एकनाथ खडसे को पार्टी से साइडलाइन करने पर उनके समर्थकों में गुस्सा है। हालांकि कि उनकी बेटी को पार्टी ने टिकट दे दिया, फिर भी एकनाथ की कमी सब महसूस कर रहे हैं। फिर भी खड़से के लिए सीट साख का सवाल बनी हुई है तो जामनेर से 5 बार लगातार चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी गिरीश महाजन के सामने जीत का सिक्सर लगाने की चुनौती है। जिले की 11 सीटों में बीजेपी के पास 6, शिवसेना के पास 3, एनसीपी के पास 1 और 1 पर निर्दलीय का कब्जा है।
बिजली कटौती और करप्शन कम हुआ
जलगांव निवासी प्राध्यापक नीलेश गड़ेकर ने बताया कि रोड नेटवर्क की हालत खराब है, फोरलेन का काम पूरा नहीं हुआ है। ऊपर से विपक्ष भी मजबूत नहीं है। व्यवसायी संजय गांधी ने कहा कि बिजली कटौती बंद हो गई है। बीते पांच साल में भ्रष्टाचार कम हुआ है। भुसावल के सिविल इंजीनियर दीपक फगड़े ने बताया कि काम की रफ्तार बहुत धीमी है। शहर जगह-जगह से खुदा है। विकास नाम की चिडिय़ा कहीं नहीं दिखती।

जलगांव जिले में कहां कौन दे रहा टक्कर
विधानसभा सीट पार्टी में कौन कहां दावेदार
1. चोपड़ा (एसटी) जगदीशचंद्र वळवी एनसीपी, लता चंद्रकांत सोनवाने शिवसेना
2. रावेर हरिभाऊ जावले भाजपा, शिरीष चौधरी कांग्रेस
3. भुसावल (एससी) जगन सोनवणे एनसीपी, संजय सावकारे भाजपा, डॉ. मधु मानवतकर निर्दलीय
4. जलगांव सिटी अभिषेकपाटील एनसीपी, सुरेश राजूमामा भाजपा
5. जलगांव ग्रामीण गुलाबराव पाटील शिवसेना, पुष्पा ज्ञानेश्वर महाजन एनसीपी, अत्तर भाई निर्दलीय
6. अमलनेर अनिल पाटील एनसीपी, शिरीषदादा हिरालाल चौधरी भाजपा
7. एरोंडल चिमणराव पाटील शिवसेना, सतीश पाटील एनसीपी
8. चालीस गांव राजीव अनिल देशमुख एनसीपी मंगेश रमेश चव्हाण भाजपा
9. पचोरा किशोर पाटील शिवसेना, दिलीप वाघ एनसीपी
10. जामनेर गिरीश महाजन भाजपा, संजय गरुड एनसीपी
11. मुक्ताई नगर रोहणी खड़से भाजपा, चंद्रकांत पाटील निर्दलीय

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