आज देश में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सड़क पर रोजाना हजारों नए वाहन आ रहे हैं। जिसका नतीजा आज पेट्रोल और डीजल की कीमत 100 रुपये के पार पहुंच चुकी है। इसके समाधान के लिए वणी के रहने वाले हर्षल नक्षणे नामक युवक ने प्रदूषण मुक्त ऑटोमेटिक सोनिक कार बनाई है। बताया जा रहा है कि इस काम में उन्होंने अपने दोस्त कुणाल आसुटकर की भी मदद ली।
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हर्षल ने एम.टेक की पढ़ाई की है। इस युवक का सपना था कि भारत के पास ऐसी अपनी कार होनी चाहिय, जो एक किफायती मूल्य पर बीके व हरित हाइड्रोजन ऊर्जा का उपयोग करे। साथ ही दुर्घटनाओं और मानवीय त्रुटि को भी कम करे। जिससे देश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। इस सोच के साथ हर्षल नक्षणे ने एक कंपनी पंजीकृत की। जिसके बाद बचपन के दोस्त कुणाल आसुटकर की मदद से कार बनाने का काम शुरू किया, जो साइंस की पढ़ाई पढ़ रहा है। इस कार को कुछ दिन पहले ही तैयार किया गया है। यह कार हाइड्रोजन गैस से चलती है। इसे सेल्फ ड्राइविंग के लिए लिहाज से डिजाइन किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, यह कार एक लीटर हाइड्रोजन में 250 किलोमीटर चलेगी, जिसकी लागत 150 रुपये होगी। इसके बाजार में आने से पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहन से निजात मिलेगी और प्रदूषण भी कम होगा। इस अनोखी कार में इस्तेमाल हुआ सिर्फ कांच और टायर ही अहमदाबाद से खरीदा गया है।
फ़िलहाल इस कार को प्रायोगिक तौर पर बनाया गया है। हर्षल ने बताया कि इस कार को इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराने के बिज़नेस से कमाए गए पैसों से बनाया गया है। इसके लिए करीब 25 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। कार की सेल्फ-ड्राइविंग और हाइड्रोजन ईंधन प्रणालियों के लिए पेटेंट पंजीकृत किए गए हैं। यह कार 100 कारों के बनने के बाद ही बिक्री के लिए उपलब्ध होगी।