मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मुंबई में वार्मर विंटर (Warmer Winter) रहने की संभावना है। वर्तमान में शहर में औसत अधिकतम तापमान भी सामान्य से ज्यादा है। दिसंबर नजदीक आने के बावजूद मुंबई में अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया है।
अभी चढ़ेगा पारा!
शुक्रवार और शनिवार को आईएमडी सांताक्रूज़ मौसम केंद्र में अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो साल के इस समय के औसत सामान्य से एक डिग्री अधिक है। आईएमडी मुंबई की वैज्ञानिक सुषमा नायर (Sushma Nair) के मुताबिक, वर्तमान में पूराब हवा के कारण तापमान कम नहीं हो रहा है। अधिकतम तापमान भी बढ़ा हुआ है। मौजूदा पूर्वी सिस्टम के कारण 19 से 21 नवंबर के बीच तापमान बढ़ने की उम्मीद है। मौसम विज्ञानी ने कहा कि अल-नीनो प्रभाव सहित कई मौसम पैटर्न के कारण शहर में गर्म सर्दियों का अनुभव होने की उम्मीद है।
जलवायु परिवर्तन है वजह?
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जब भी अल नीनो होता है, सर्दियाँ हल्की होती हैं और गर्मियाँ गंभीर होती हैं। इसलिए शहर में सर्दी के महीनों में तापमान में अधिक गिरावट की संभावना नहीं है। जबकि अन्य मौसम स्थितियों के बीच अरब सागर से आने वाली गर्म हवाओं के कारण मुंबई में अधिक सर्दी पड़ने की संभावना है।
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जलवायु परिवर्तन है वजह?
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जब भी अल नीनो होता है, सर्दियाँ हल्की होती हैं और गर्मियाँ गंभीर होती हैं। इसलिए शहर में सर्दी के महीनों में तापमान में अधिक गिरावट की संभावना नहीं है। जबकि अन्य मौसम स्थितियों के बीच अरब सागर से आने वाली गर्म हवाओं के कारण मुंबई में अधिक सर्दी पड़ने की संभावना है।
वर्तमान में पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र उतना ठंडा नहीं हुआ है जितना होना चाहिए था। जबकि अरब सागर गर्म है जबकि हवा के बदलाव से पूर्वोत्तर भागों में ठंडी हवा आ रही है। यह ठंडी हवा नीचे की ओर और फैल सकती है। हालाँकि, अरब सागर से आने वाली गर्म हवाओं के कारण मुंबई पर इसका खास प्रभाव नहीं पड़ रहा है। शहर में उमस की स्थिति बनी हुई है।
मुंबई को राहत क्यों नहीं
स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के महेश पलावत (Mahesh Palawat) का कहना है कि आम तौर पर पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर में बर्फबारी शुरू होने के बाद मुंबई में तापमान कम होने लगता है। हालाँकि, इस वर्ष पश्चिमी विक्षोभ अभी तक नहीं आया है, जिसके कारण तापमान अधिक बना हुआ है। हालांकि नवंबर के अंत तक पश्चिमी विक्षोभ शुरू होने पर मुंबई को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। जलवायु परिवर्तन के कारण मुंबई में मौसम में बड़ा बदलाव आया है। अल नीनो का सर्दियों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ सकता है। लेकिन जलवायु परिवर्तन के चलते मौसम का पैटर्न अनियमित होता जा रहा है और इसमें भारी बदलाव आ रहा है।
मुंबई को राहत क्यों नहीं
स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के महेश पलावत (Mahesh Palawat) का कहना है कि आम तौर पर पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर में बर्फबारी शुरू होने के बाद मुंबई में तापमान कम होने लगता है। हालाँकि, इस वर्ष पश्चिमी विक्षोभ अभी तक नहीं आया है, जिसके कारण तापमान अधिक बना हुआ है। हालांकि नवंबर के अंत तक पश्चिमी विक्षोभ शुरू होने पर मुंबई को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। जलवायु परिवर्तन के कारण मुंबई में मौसम में बड़ा बदलाव आया है। अल नीनो का सर्दियों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ सकता है। लेकिन जलवायु परिवर्तन के चलते मौसम का पैटर्न अनियमित होता जा रहा है और इसमें भारी बदलाव आ रहा है।
शहर में सर्दी आमतौर पर 19 दिसंबर के बाद शुरू होती है, जब न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है। हालांकि, पिछले साल दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक पारा उम्मीद से अधिक रहा और अधिकतम तापमान 32 डिग्री से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहा।