मौसम विशेषज्ञों और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र में अगले पांच-छह दिनों तक मॉनसून की स्थिति कमजोर रहने की संभावना है। इस महीने राज्य में अब तक सामान्य से कम बारिश हुई है, जबकि कई जिलों में बारिश की भारी कमी देखि गई।
आंकड़ों पर गौर करें तो पुणे और सतारा में सितंबर में अब तक क्रमशः 22% और 33% कम बारिश हुई। जबकि मुंबई में हालात ज्यादा खराब हैं। शहर में 66% और उपनगरीय क्षेत्रों में 34% बारिश की कमी दर्ज की गई।
आईएमडी के एक वैज्ञानिक ने बताया कि उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश और इसके आसपास के क्षेत्र में बना कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और एक डिप्रेशन में तब्दील हो गया है। हालांकि यह प्रणाली मजबूत है, लेकिन इसका ट्रेजेक्टरी (Trajectory) महाराष्ट्र से काफी दूर है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में बारिश कम हो गई है।
हालांकि आने वाले दिनों में बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और सिस्टम बन सकता है, लेकिन इससे महाराष्ट्र की बारिश पर खास असर पड़ने की संभावना नहीं है। इसलिए अगले कुछ दिनों में राज्य में इसी तरह की हल्की बारिश जारी रहेगी।
मौजूदा मौसम प्रणाली को देखें तो महाराष्ट्र और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के अंदरूनी हिस्सों में तीव्र बारिश की उम्मीद नहीं हैं। हालांकि विदर्भ में मध्यम बारिश हो सकती है, लेकिन भारी बारिश नहीं होगी।
एक अन्य मौसम विशेषज्ञ ने कहा कि मध्य भारत के कुछ हिस्सों में डिप्रेशन के कारण अच्छी बारिश हो रही है। लेकिन अरब सागर में मॉनसून की शाखा सक्रिय नहीं है, इसलिए महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों में बहुत कम बारिश हो रही है। सुदूर उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के रेगिस्तानी इलाकों से शुष्क हवा आ रही है और पश्चिमी हवाएँ कमज़ोर हैं। फिलहाल, 17-18 सितंबर से पहले राज्य में बारिश बढ़ने की संभावना नहीं है।
मॉनसून की वापसी कब?
इस बीच, मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 19 से 25 सितंबर के बीच देश से लौटना शुरू हो सकता है। आमतौर पर मॉनसून 1 जून तक केरल में दस्तक देता है और 8 जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है। वहीँ, मॉनसून की 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से वापसी शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है। इस साल मॉनसून की महाराष्ट्र में एंट्री 6 जून को हुई थी।