आईएमडी पुणे (IMD Pune) के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक केएस होसालिकर (KS Hosalikar) के मुताबिक, मॉनसून के जाने के लिए मौसम अनुकूल बन रहा है। गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तरी महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों सहित उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में जल-वाष्प की कमी देखी जा रही है। यह दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के संकेत है।
मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों और राजस्थान के शेष हिस्सों से मॉनसून वापस चला गया है। जबकि अगले दो से तीन दिनों में महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों से मॉनसून की वापसी यात्रा शुरू हो जाएगी।
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मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों और राजस्थान के शेष हिस्सों से मॉनसून वापस चला गया है। जबकि अगले दो से तीन दिनों में महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों से मॉनसून की वापसी यात्रा शुरू हो जाएगी।
आईएमडी ने अपने ताजा पूर्वानुमान में कहा है कि इस हफ्ते महाराष्ट्र में मौसम फिलहाल शुष्क बना रहेगा। दिन में धूप और आसमान में बादलों की मौजूदगी के साथ कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती हैं। जबकि कुछ स्थानों पर बिजली गिरने की भी संभावना है। अक्टूबर के दौरान महाराष्ट्र में न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की भविष्यवाणी मौसम विभाग ने की है। अरब सागर के ऊपर बना डिप्रेशन रविवार को दक्षिण कोंकण से होते हुए दक्षिण-मध्य महाराष्ट्र की ओर बढ़ गया और उसकी तीव्रता भी कम हो गई। इसलिए राज्य में भारी बारिश की संभावना नहीं है।
9 जिलों में बेहद कम बारिश
महाराष्ट्र के कुछ स्थानों पर बारिश की भारी कमी के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है. राज्य के नौ जिलों में अभी भी बारिश का इंतजार हो रहा है। आमतौर पर 5 अक्टूबर के आसपास उत्तरी महाराष्ट्र से मॉनसून की वापसी शुरू हो जाती है। जबकि राज्य के बाकी हिस्सों से मॉनसून के जाने में पांच से दस दिन लगते हैं। 10 अक्टूबर तक राज्य के अधिकांश हिस्सों से बारिश का दौर खत्म हो जाता है।
महाराष्ट्र में आधिकारिक तौर पर मॉनसून 1 जून से शुरू होता है और आम तौर पर 30 सितंबर तक रहता है। इस साल महाराष्ट्र के कम से कम 9 जिलों में औसत से काफी कम बारिश हुई है। हालांकि कोंकण-गोवा बेल्ट में औसत से करीब 18 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। मध्य महाराष्ट्र में औसत वर्षा की तुलना में लगभग 12 प्रतिशत कम बारिश हुई है, मराठवाडा में 11 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है. जबकि विदर्भ में औसत बारिश से 2 फीसदी कम बारिश हुई है।
मुंबई-पुणे में कैसा रहा मॉनसून?
आईएमडी केवल 1 जून से 30 सितंबर तक होने वाली बारिश को ही मॉनसून सीजन की बारिश मानता है। इस अवधि में मुंबई के सांताक्रूज़ मौसम केंद्र पर 2978 मिमी और कोलाबा मौसम केंद्र में 2398 मिमी बारिश दर्ज हुई। हालांकि इस साल मॉनसून के दौरान मुंबई में लंबे समय तक बारिश नहीं हुई। वहीँ, शहर को पानी की आपूर्ति करने वाली झीलें लगभग भर गयीं हैं। इसलिए बीएमसी ने आश्वासन दिया है कि अगले मॉनसून तक पानी में कोई कटौती नहीं होगी। इस बीच, पुणे में इस साल सामान्य बारिश हुई। पिंपरी-चिंचवड़ में 32 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।
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