मॉनसून में ब्रेक आने की वजह से महाराष्ट्र सहित मध्य भारत और दक्षिण भारत में बारिश काफी कम हो गई है। ‘मॉनसून ट्रफ’ अभी उत्तर की ओर बढ़ गया है। इसलिए, हिमालय की तराई वाले राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश हो रही है। जबकि मध्य और दक्षिण भारत में बारिश की रफ्तार कम हुई है।
आईएमडी के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक केएस होसालिकर (KS Hosalikar) ने कहा, इससे कृषि पर असर पड़ने की संभावना पैदा हो गई है। आईएमडी पुणे के प्रमुख होसालिकर ने यह भी कहा कि अगले 15 दिनों में बारिश के फिर से सक्रिय होने की संभावना भी कम है। अगस्त में बारिश औसत से कम रहने का अनुमान है।
होसालिकर ने बताया कि यह स्थिति फसलों के लिए गंभीर साबित हो सकती है। इस साल जून में बारिश नहीं हुई। इसलिए जुलाई में बुआई की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सूचित किया गया है कि इन फसलों के लिए वैकल्पिक सिंचाई प्रणाली पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि ये फसलें इतनी मजबूत नहीं हैं कि बारिश न होने पर अच्छे से तैयार हो सकें।
हालांकि अगस्त के आखिरी सप्ताह में विदर्भ में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। साथ ही विदर्भ से सटे मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों में भी बारिश होने की उम्मीद है। हालाँकि, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के बाकि हिस्सों में ज्यादा बारिश नहीं होगी। ऐसे में फसलों को बचाने के लिए वैकल्पिक सिंचाई की जरुरत पड़ सकती है। मौसम वैज्ञानिक होसालिकर ने बताया कि अल नीनो मजबूत हो रहा है और इसका असर दिखना भी शुरू हो गया है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक मुंबई में कैसा रहेगा बारिश का हाल, यहां देखें-