रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाशिम जिले के गणेशपुर गांव की आबादी 150 से 200 के बीच है। गांव में जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय है। स्कूल में पहली से चौथी तक की कक्षाएं हैं। लेकिन स्कूल में एक ही छात्र पढ़ता है। उसे पढ़ाने के लिए एक शिक्षक यहां कार्यरत है। स्कूल में एक छात्र होने के बावजूद रोज अलग-अलग विषय की कक्षा चलती है।
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जब अनेक लोग सरकारी स्कूलों से मुंह मोड़ रहे हैं, ऐसे समय में छात्र रोज समय पर स्कूल जाता है। उस इकलौते छात्र का नाम कार्तिक शेगोकार है। वह तीसरी कक्षा में पढ़ता है। उसे पढ़ाने के लिए एक शिक्षक है, जो 12 किलोमीटर की दूरी तय कर स्कूल पहुंचते हैं। एकमात्र छात्र और शिक्षक जब रोज स्कूल पहुंचते है तो दिन की शुरुआत राष्ट्रगान गाकर करते हैं। फिर विभिन्न विषयों की पढ़ाई शुरू होती है। विद्यालय में मात्र एक छात्र है, लेकिन कार्तिक के गुरुजी (शिक्षक) किशोर मानकर रोज दूर से उसे पढ़ाने आते हैं। एकमात्र छात्र की पढ़ाई बंद न हो, इसके लिए वह नियमित रूप से स्कूल आते है। साथ ही वह कार्तिक को पूरी लगन के साथ पढ़ाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि पूरे गांव में एक ही स्कूल है, इस स्कूल में सिर्फ एक ही छात्र है और एक ही शिक्षक है।
शिक्षक किशोर मानकर ने बताया कि इस जिला परिषद स्कूल में पिछले दो साल से एक ही छात्र पढ़ रहा है। स्कूल में कार्तिक के अलावा किसी और बच्चे ने दाखिला नहीं लिया है। उन्होंने कहा, इस वजह से कार्तिक की शिक्षा को नहीं रोका गया है और नहीं रुकेगा। मैं उसे सभी विषय पढ़ाता हूं। कार्तिक को मिड-डे मील के साथ ही अन्य सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाती है, जैसा बाकि सरकारी स्कूलों में दिया जाता है।