शाहापुर की तहसीलदार नीलिमा सूर्यवंशी ने बताया कि भातसा डैम में दरार होने की जानकारी मंगलवार को पता चली थी। जबकि मंगलवार शाम की तुलना में यह दरार बुधवार को और चौड़ी हो गई है। तहसीलदार ने कहा कि नहर की दीवार की दरारों से बहते पानी को फिलहाल रोका नहीं जा सकता है। हालांकि दरार को भरने के प्रयास जारी हैं।
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नीलिमा सूर्यवंशी ने कहा, ‘‘डैम से आने वाले पानी से फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। इसलिए राजस्व विभाग फसल के नुकसान का आकलन भी कर रहा है। जिसके अनुसार किसानों को मुआवजे के बारे में संबंधित विभाग फैसला करेगा।’’ उधर, ग्रामीणों और स्थानीय विधायक की मानें तो भातसा डैम के बाएं किनारे की नहर की दीवारों में पहले भी दरारें पड़ चुकी हैं। स्थानीय प्रशासन हालत पर नजर बनाये हुए है। शाहापुर के विधायक दौलत दरोदा ने कहा कि डैम की नहर की दीवारों में साल में कम से कम एक बार दरार जरूर पड़ती है। दौलत ने आगे कहा कि इस मामले में कुछ नहीं किया जा सकता है क्योंकि मरम्मत करवाने के लिए पैसे नहीं मिले है।’’
मुंबई शहर से 84 किमी दूर ठाणे जिले के शहापुर तालुका में स्थित भातसा डैम से शहर को पीने के पानी (50 प्रतिशत) की आपूर्ति होती है। जबकि ठाणे जिले में भी भातसा डैम के पानी की आपूर्ति होती है।