महाराष्ट्र विधान परिषद में मंगलवार को शिक्षक सदस्य सुधाकर अडबाले ने शिक्षक भर्ती को लेकर तीखा सवाल उठाया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केसरकर ने घोषणा की कि शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया अगले तीन महीने में 24 अक्टूबर तक पूरी कर ली जाएगी। इस मौके पर उन्होंने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के कार्यक्रम की भी घोषणा की।
शिक्षक भर्ती कार्यक्रम
केसरकर ने बताया कि महाराष्ट्र शिक्षक भर्ती के लिए जिला परिषद ने अपना रोस्टर तय कर लिया है और पोर्टल पर विज्ञापन के लिए 15 से 31 अगस्त 2023 तक की अवधि तय की गई है। अभ्यर्थियों को प्राथमिकता क्रम देने के लिए 1 से 15 सितंबर तक का समय दिया जायेगा। जबकि 10 अक्टूबर को इंटरव्यू के साथ मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। बिना इंटरव्यू वाले अभ्यर्थियों के सत्यापन के लिए 11 अक्टूबर से 21 अक्टूबर और जिला स्तरीय काउंसलिंग 21 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक होगी।
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मंत्री केसरकर ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। लेकिन कोर्ट ने अब रोक हटा दी है और शिक्षकों की भर्ती शुरू हो गई है। इस भर्ती का शेड्यूल तय हो गया है। यह प्रक्रिया 24 अक्टूबर तक पूरी कर ली जाएगी।शिक्षक भर्ती कार्यक्रम
केसरकर ने बताया कि महाराष्ट्र शिक्षक भर्ती के लिए जिला परिषद ने अपना रोस्टर तय कर लिया है और पोर्टल पर विज्ञापन के लिए 15 से 31 अगस्त 2023 तक की अवधि तय की गई है। अभ्यर्थियों को प्राथमिकता क्रम देने के लिए 1 से 15 सितंबर तक का समय दिया जायेगा। जबकि 10 अक्टूबर को इंटरव्यू के साथ मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। बिना इंटरव्यू वाले अभ्यर्थियों के सत्यापन के लिए 11 अक्टूबर से 21 अक्टूबर और जिला स्तरीय काउंसलिंग 21 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक होगी।
रिटायर शिक्षकों की नियुक्ति स्थायी नहीं
उन्होंने कहा कि अदालत का स्थगन अप्रत्याशित था। इस बीच जिलों में ही तबादले भी हुए हैं। इसके चलते कई जगहों पर शिक्षकों के पद खाली हो गए है। इन रिक्तियों के कारण छात्रों का नुकसान न हो इसके लिए अस्थायी व्यवस्था के तौर पर रिटायर शिक्षकों को मौका दिया गया है। हालांकि यह कोई परमानेंट नियुक्ति नहीं है, बस इन्हें नए शिक्षकों की नियुक्ति तक रखा जायेगा। यदि नए अभ्यर्थियों को मौका दिया गया होता तो गड़बड़ी की आशंका थी। केसरकर ने बताया कि छात्रों को नुकसान न हो इसलिए सेवानिवृत्त शिक्षकों को नियुक्त किया गया है।
मुंबई में अवैध स्कूलों को मिलेगी मान्यता
बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) क्षेत्र में 269 निजी स्कूल अनधिकृत घोषित किए गए हैं, क्योंकि उनके पास सरकार या नगर निगम की मान्यता नहीं है। इसमें से अधिकतर स्कूल झुग्गी-बस्तियों में स्थित है। मंत्री उदय सामंत ने विधान परिषद में बताया कि स्कूल शिक्षा मंत्री ने एक बैठक कर सरकार को इन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई को रद्द करने और स्व-वित्तपोषण अधिनियम के तहत नियमों और शर्तों के अधीन स्कूलों को मंजूरी देने का प्रस्ताव भेजा है ताकि छात्रों को कोई शैक्षणिक नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि सरकार इसे लेकर सकारात्मक है।
सामंत ने कहा, नगर निगम स्कूलों के विद्यार्थियों को नगर निगम के कोष से 27 चीज़ें दी जाती हैं। उन्होंने कहा कि झुग्गी-बस्तियों में मान्यता वाले निजी आर्थिक सहायता-प्राप्त स्कूलों को ये वस्तुएं देने पर विचार किया जाएगा, यदि वे स्वेच्छा से अनुरोध करते हैं।