महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षण मंडल ने 10वीं बोर्ड परीक्षा (एसएससी) का नतीजा घोषित कर दिया है। 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 77.10 प्रतिशत छात्र ही पास हुए हैं। बारहवीं (एचएससी) की ही तरह 10वीं में भी बेटियों ने बाजी मारी है। उम्मीद से कमतर नतीजे के बीच 82.2 प्रतिशत लड़कियां पास हुई हैं जबकि 72.18 प्रतिशत लडक़े सफल हुए हैं। बोर्ड परीक्षा में 83.05 प्रतिशत दिव्यांग छात्र पास हुए हैं। पिछले साल 10वीं में 89.41 प्रतिशत छात्र पास हुए थे, जिसके मुकाबले 2019 में 12 प्रतिशत कम छात्र पास हुए हैं।
बोर्ड के नौ मंडलों में सबसे अच्छा रिजल्ट कोकण डिवीजन का रहा जबकि सबसे खराब परिणाम नागपुर मंडल का रहा। मुंबई में मंडल में 77.4 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। बोर्ड अध्यक्ष शकुंतला काले ने यह जानकारी दी। बोर्ड परीक्षा के आंकड़ों से साफ होता है कि पिछले 10 साल के दौरान महाराष्ट्र शिक्षा बोर्ड का यह सबसे खराब नतीजा है। बावजूद इसके 20 छात्र ऐसे हैं, जिन्हें शत-प्रतिशत अंक मिले हैं। साथ ही 25,941 ऐसे छात्र हैं, जिन्हें 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त हुए हैं। पिछले साल 125 छात्रों को शत-प्रतिशत अंक मिले थे जबकि 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक पाने वाले छात्रों की संख्या 63,331 थी।
बोर्ड के नौ मंडलों में सबसे अच्छा रिजल्ट कोकण डिवीजन का रहा जबकि सबसे खराब परिणाम नागपुर मंडल का रहा। मुंबई में मंडल में 77.4 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। बोर्ड अध्यक्ष शकुंतला काले ने यह जानकारी दी। बोर्ड परीक्षा के आंकड़ों से साफ होता है कि पिछले 10 साल के दौरान महाराष्ट्र शिक्षा बोर्ड का यह सबसे खराब नतीजा है। बावजूद इसके 20 छात्र ऐसे हैं, जिन्हें शत-प्रतिशत अंक मिले हैं। साथ ही 25,941 ऐसे छात्र हैं, जिन्हें 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त हुए हैं। पिछले साल 125 छात्रों को शत-प्रतिशत अंक मिले थे जबकि 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक पाने वाले छात्रों की संख्या 63,331 थी।
12.48 लाख छात्र हुए पास 10वीं की बोर्ड परीक्षा एक मार्च से 22 मार्च के बीच ली गई थी। सत्रह लाख से ज्यादा छात्रों ने पंजीकरण कराया था जबकि 16 लाख 18 हजार 602 छात्र परीक्षा में बैठे थे, जिनमें से लगभग 12.48 लाख छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। बोर्ड अध्यक्ष काले ने बताया कि इस साल नए पाठ्यक्रम के आधार पर छात्रों से सवाल पूछे गए थे। शायद इसी वजह से कम छात्र पास हुए हैं। उन्होंने बताया कि 2007 में एसएससी का परिणाम औसत 78 प्रतिशत था।
20 छात्रों को मिले शत-प्रतिशत अंक एसएससी परीक्षा में बेस्ट ऑफ फाइव फॉर्मूला के तहत राज्य के 20 छात्रों को 100 प्रतिशत अंक मिले हैं। सूखा पीडि़त लातूर के 16, औरंगाबाद के तीन और अमरावती मंडल के एक छात्र ने शत-प्रतिशत अंक हासिल किया है।