scriptMaharashtra: नागपुर में फाइलेरिया के 12 नए मरीज मिलने से हडकंप, 2018 के बाद सबसे ज्यादा मामले; सर्वे हुआ जारी | Maharashtra: Shocked by the arrival of 12 new patients of filariasis in Nagpur, highest number of cases after 2018; survey continues | Patrika News
मुंबई

Maharashtra: नागपुर में फाइलेरिया के 12 नए मरीज मिलने से हडकंप, 2018 के बाद सबसे ज्यादा मामले; सर्वे हुआ जारी

महाराष्ट्र के नागपुर में फाइलेरिया के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। इस साल नागपुर में फाइलेरिया के 12 नए मरीज मिले हैं। बता दें कि साल 2018 के बाद इस साल फाइलेरिया के सबसे ज्यादा मरीज पाए गए हैं। इस दौरान नागपुर नगर निगम ने डोर टू डोर सर्वे शुरू कर दिया है।

मुंबईSep 19, 2022 / 03:33 pm

Siddharth

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Filariasis

महाराष्ट्र के नागपुर में फाइलेरिया के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। इस मामले में नागपुर नगर निगम (NMC) मलेरिया और फाइलेरिया डिपार्टमेंट ने 16 से 31 अगस्त के बीच अपने वार्षिक डोर टू डोर ड्राइव के दौरान नागपुर में फाइलेरिया के 12 नए मामले सामने आए है। इससे नागपुर में इस साल फाइलेरिया के मामलों की संख्या बढ़कर 991 पहुंच गई है। नेहरू नगर क्षेत्र में मिले नए रोगियों में से एक हेल्थ टीम द्वारा पहचाने गए एक अन्य रोगी का निकट संपर्क है।
नागपुर नगर निगम (एनएमसी) ने नए मरीजों के परिजनों और पड़ोसियों के खून के सैंपल लिए थे। इनमें से केवल एक ही पॉजिटिव पाया गया। डिपार्टमेंट ने अब प्रत्येक 10 जोनों में मोरबिडिटी मैनेजमेंट और डिजिज प्रिवेंशन (एमएमडीपी) क्लीनिक स्थापित करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। इन क्लीनिकों में मरीज समय-समय पर फ्री जांच, किट और दवाएं का लाभ ले सकेंगे।
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बता दें कि साल 2018 के बाद से इस साल फाइलेरिया के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई हैं। साल 2018 से साल 2021 के बीच नागपुर में केवल 8 नए मामले सामने आए थे जबकि पिछले साल महज दो नए मामले मिले थे। वहीं, इस साल 12 नए मामलों में 8 पुरुष और 4 महिलाएं हैं। नए मामलों में आठ लिम्फेडेमा (सूजन पैर) और चार हाइड्रोसील शामिल हैं।
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एनएमसी मलेरिया और फाइलेरिया अधिकारी डॉ जैस्मीन मुलानी ने बताया कि डिपार्टमेंट बहुत ही जल्द फुटपाथ और मलिन बस्तियों में रहने वाले नागरिकों का ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे भी शुरू कर रहा है। सर्वे में रात के समय के खून के सैंपल का क्लेक्शन शामिल होता है जब माइक्रोफाइलेरिया एक्टिव होता है। इस चरण में पता लगाने से बीमारी को गंभीर रूप लेने से रोकने में सहयोग मिलता है।

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