सांगली के इस गांव के नागरिकों ने इसका हल ढूंढ निकाला है। इसके तहत रोज रात 7 से 8:30 बजे तक घर में टीवी और फोन स्विच ऑफ करने का फैसला लिया गया है। इस निर्णय का पालन हर ग्रामीण करें, इस बात को सुनिश्चित करने के लिए गांव में मंदिर पर लाउडस्पीकर भी लगाया गया है।
घर में टीवी और स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल का सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। यही कारण है कि कडेगाव तालुका में 3 हजार 105 की आबादी वाले गांव ने बच्चों की पढ़ाई के खातिर पहले चर्चा की और फिर यह फैसला लिया। रात के सात से साढ़े आठ घंटे की इस अवधि को ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से तय किया और 15 अगस्त से इसका क्रियान्वयन भी शुरू हो गया।
लोगों को इस गतिविधि की याद दिलाने के लिए ग्राम पंचायत के पास मंदिर पर एक माइक लगाया गया है। गांव में प्राथमिक विद्यालय में 130 बच्चे और माध्यमिक विद्यालय में 450 बच्चे पढ़ रहे हैं। गांव की आंगनबाडी कार्यकर्ता, शिक्षक, ग्राम पंचायत सदस्य रोज यह सुनिश्चित करते है कि रात 7 से 8:30 के बीच बच्चे घर से बाहर न दिखें और ग्रामीण टीवी चालू न करें।
गांव के एक छात्र ने बताता कि स्कूल के बाद वह थोड़ा खेलते हैं। उसके बाद रात 7 बजे माता-पिता घर में टीवी और मोबाइल फोन बंद कर देते हैं। इस गतिविधि ने उनकी पढ़ाई को मजेदार बना दिया है। एक अन्य छात्र ने कहा, “शुरुआत में हम टीवी देखकर पढ़ाई करते थे, इसलिए हम कई गलतियां करते थे। लेकिन अब हम अनुशासित हो गए हैं।”