इस महासंपर्क अभियान की अगुवाई मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे करे रहे है। महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना के अध्यक्ष अमित ठाकरे इस कार्यक्रम के तहत 5 से 11 जुलाई तक कोंकण के दौरे पर है। इससे साफ़ पता चलता है कि आदित्य ठाकरे के बाद अब अमित ठाकरे भी राजनीति में सक्रीय हो गए है।
इससे पहले आरे मिल्क कॉलोनी में दुर्घटनाग्रस्त मुंबई मेट्रो लाइन-3 को पुनर्जीवित करने की योजना का जोरदार विरोध किया जा रहा है। इस विरोध में अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे भी शामिल हो गए हैं। 30 वर्षीय अमित ठाकरे करीब एक दशक पहले 2012 बीएमसी चुनाव में पहली बार राजनीतिक पदार्पण किया था। उन्होंने बीएमसी चुनावों से पहले मनसे के रोड शो का हिस्सा बने थे। हालाँकि, उसने उसके बाद यह कहते हुए पीछे हट गए थे कि वह पढ़ाई करना चाहता है। साल 2014 में जब मनसे छात्र सेना ने अपनी पहली रैली की थी उसमे अमित ठाकरे भी मौजूद थे।
बीमारी की वजह से पीछे हटने को मजबूर अमित ठाकरे ने अब ऐसे समय में फिर से मुश्किलों में कदम रखा है जब राज ठाकरे एक बड़ी सर्जरी से उबर रहे हैं। बता दें कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना लड़खड़ा रही है। इस पर अपने पिता उद्धव ठाकरे के साथ आदित्य ने मोर्चा संभाला हुआ है। शिवसेना को टूटता देख राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) खुद का पुनर्निर्माण करने में जुट गई है। इसी कड़ी में शिवसेना में जारी घमासान का फायदा उठाने के लिए मनसे ने महासंपर्क अभियान शुरू कर दिया है।
अमित ठाकरे शादीशुदा है और उसका एक बेटा है। अमित ठाकरे ने मनसे विद्यार्थी सेना के प्रमुख के रूप में आदित्य शिरोडकर की जगह ली थी। राज ठाकरे के दोस्त राजन शिरोडकर के बेटे, आदित्य शिरोडकर 2021 में मनसे छोड़ दी और शिवसेना में शामिल हो गए।
बता दें कि मनसे नेता और पूर्व विधायक नितिन सरदेसाई ने अमित ठाकरे को “भीड़ खींचने वाला” और “बनाने वाला नेता” बताया। पार्टी के एक पदाधिकारी का कहना है कि दिवंगत बालासाहेब और राजसाहेब ठाकरे अपनी वक्तृत्व कला की वजह से जनता को आकर्षित कर सके। अमित अभी भी एक उच्चारण में मराठी बोलते है, और लोगों से जुड़ने के लिए उसे सही करने की जरूरत है। एक अन्य नेता नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अमित ठाकरे में निरंतरता की कमी है। उन्होंने समुद्र तट की सफाई का समर्थन किया, और फिर इस मुद्दे पर चुप हो गए थे।
अमित ठाकरे आदित्य से दो साल बड़ा है, अमित ठाकरे अक्सर पर्यावरणीय मुद्दों को उठाता है, जिसमें आरे में मेट्रो कार शेड का विरोध भी शामिल है। मनसे के युवा नेता अमित ठाकरे के लिए पहली बड़ी परीक्षा दिसंबर में होने वाले निकाय चुनाव है। मनसे के पास कुछ स्टार प्रचारक बचे हैं ऐसे में अमित ठाकरे पर बहुत सारी जिम्मेदारी होगी।
मनसे महासचिव नयन कदम ने कहा कि अमित ठाकरे बदलाव की जरूरत के प्रति सचेत थे और उन्होंने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। वह मनसे विद्यार्थी सेना के कार्यकर्ताओं और युवा नेताओं के साथ घुलमिल रहे हैं। वह कॉलेज के छात्रों से भी बात करते हैं। अब वह लोगों को धैर्यपूर्वक सुनते हैं।
पार्टी की महिला विंग की प्रमुख एमएनएस महासचिव रीता गुप्ता ने कहा कि उन्होंने अमित ठाकरे में बदलाव देखे है। हाल ही में एमएनवीएस की मुंबई इकाई का पुनर्गठन करते हुए, उन्होंने स्वयं साक्षात्कार आयोजित करके पदों को भरा और एक व्यक्तिगत स्पर्श दिखाया। इस बीच एक अन्य मनसे कार्यकर्ता को चिंता थी कि अमित भी अब एक ऐसी मंडली से घिरा हुआ है जो उसे गुमराह कर रही है। आदित्य के साथ पहले भी ऐसा ही हुआ था, जब उन्होंने अपने चचेरे भाई वरुण सरदेसाई को प्रमोट किया था।
समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने भी अमित ठाकरे के लिए सावधानी बरतने की बात कही है। रईस शेख ने कहा कि अमित को अन्य राजनेताओं की विफलताओं से सीखना चाहिए जो अपनी विरासत पर जीते और अपनी छाप छोड़ने में विफल रहे। लोग अब परिपक्व हो गए हैं और राजनेताओं को जमीन पर देखना चाहते हैं, उनके मुद्दों को सुनना चाहते हैं। उन्हें अपनी पार्टी की नीति लोगों की आवाज पर बनानी चाहिए और हिंदुत्व के प्रवाह के साथ नहीं जाना चाहिए।
बता दें कि महासंपर्क अभियान को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के युवानेता अमित ठाकरे लीड करे रहे है। महासम्पर्क अभियान के पहले चरण में अमित ठाकरे एक सप्ताह में कोंकण के सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी और रायगढ़ जिलों का दौरा करेंगे। महासंपर्क अभियान यात्रा के दौरान अमित ठाकरे पार्टी के पदाधिकारियों के साथ-साथ कॉलेज के छात्रों के साथ भी बातचीत करेंगे, जो पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं। वहीं, दूसरी तरफ शिवसेना में मचे हंगामे के बाद आदित्य ठाकरे ने भी संगठन बचाने में जुटी हुई है।