राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में विभाजन तय माना जा रहा है। एनसीपी की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि पार्टी अजित पवार व उनकी टीम का समर्थन नहीं करती है। इस बीच, पार्टी ने अपने नौ नेताओं के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) के पास अयोग्यता याचिका दायर की।
NCP ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र
महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा, “हमने विधानसभा अध्यक्ष के पास अयोग्यता याचिका दायर की है और हम जल्द से जल्द इसे लिखित में भेजेंगे। यह अयोग्यता याचिका नौ नेताओं के खिलाफ दायर की गई है।”
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NCP ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र
महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा, “हमने विधानसभा अध्यक्ष के पास अयोग्यता याचिका दायर की है और हम जल्द से जल्द इसे लिखित में भेजेंगे। यह अयोग्यता याचिका नौ नेताओं के खिलाफ दायर की गई है।”
उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने (अजित पवार गुट) किसी को सूचित नहीं किया कि वे पार्टी छोड़ रहे हैं, जो एनसीपी के खिलाफ है। हमने इस संबंध में चुनाव आयोग (Election Commission) को भी पत्र लिखा है। हमारे 9 नेताओं ने इस कदम के बारे में सूचित नहीं किया था, जो स्वीकार नहीं किया जा सकता है।” पाटिल ने आगे कहा, “हमें विश्वास है कि अधिकांश विधायक एनसीपी में वापस लौटेंगे और हम उनका स्वागत करेंगे।”
शरद पवार ने सभी को परिवार समझा- सुप्रिया सुले
एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा, “पार्टी के अंदर कभी भी नफरत या कोई गलतफहमी नहीं थी। अजित पवार के विचार अलग थे और हमारे अलग हैं। हम अपने सभी विधायकों का सम्मान करते हैं। मैं हमेशा पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से बात करती हूं, कल भी मैं बात करूंगी।“
शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने आगे कहा, “जो कुछ भी हुआ वह दुखद है। शरद पवार ने सभी के साथ एक परिवार की तरह व्यवहार किया और वह हमारे वरिष्ठ नेता हैं। उनकी प्रतिक्रिया थी कि हम एक लोकतांत्रिक देश में रह रहे हैं, जहां हर किसी को अपनी बात कहने और अपनी बात रखने का अधिकार है। अजित पवार का यह कदम उनका अपना फैसला है।”
सुले ने साथ ही कहा कि अजित पवार के भिन्न विचार हो सकते हैं, लेकिन वह अपने बड़े भाई से कभी नहीं लड़ सकतीं और हमेशा एक बहन की तरह उनसे प्रेम करेंगी। अजित पवार के साथ मेरा रिश्ता नहीं बदलेगा, वह हमेशा मेरे बड़े भाई रहेंगे। चर्चा है कि पिछले महीने शरद पवार द्वारा सुले को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाना अजित पवार के विद्रोह का प्रमुख कारण है।