स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा, “अयोग्यता के मामले में यदि कोई याचिका दायर कर रहा है तो वह उसका संवैधानिक अधिकार है, इस पर कोई रोक नहीं लगा सकता। हम जो निर्णय लेंगे वह न्यायसंगत होगा, इसमें किसी प्रकार का कोई पक्षपात नहीं होगा। सभी नियमों का पालन करके वाजिब समय में हम निर्णय लेंगे।“
इससे पहले नार्वेकर ने कहा था कि अभी यह नहीं पता लग सका है कि एनसीपी महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी सरकार का हिस्सा है या फिर वह अब भी विपक्षी दल है। मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में स्पीकर ने कहा कि उनके कार्यालय को अब तक एनसीपी में विभाजन को लेकर किसी की कोई याचिका नहीं मिली है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, “मुझे फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि एनसीपी राज्य सरकार का हिस्सा है या विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है। मैं अपने सामने उपलब्ध विवरण का अध्ययन करूंगा और इस संबंध में निर्णय लूंगा।”
कितने एनसीपी विधायकों ने अजित पवार को अपना समर्थन दिया है, यह पूछे जाने पर नार्वेकर ने कहा, “मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि उनकी ओर से इस पर कोई लिखित सूचना नहीं दी गई है। राज्य विधानसभा में अभी भी दलवार संख्या पहले जैसी ही है।”
बता दें कि एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने रविवार को बगावत करते हुए एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम पद की, जबकि पार्टी के 8 अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। आज महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में एनसीपी के सभी मंत्री भी शामिल हुए।
अजित पवार ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए दावा किया कि एनसीपी के ज्यादातर विधायक उनके साथ हैं। उन्होंने बताया कि मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में विभागों के बंटवारे पर चर्चा हुई है।