परभणी कलेक्टर ने आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव की पुष्टि की
महाराष्ट्र के परभणी कलेक्टर रघुनाथ गावडे ने कहा “कल (मंगलवार) को जो घटना हुई थी, उसके बाद मैं खुद घटना स्थल पर गया था। आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया था। बुधवार सुबह से कई संगठन ने निवेदन किया है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और अगर इसके पीछे कोई मास्टरमाइंड है तो उसकी भी गिरफ्तारी होनी चाहिए। आज कुछ जगहों पर तोड़फोड़, आगजनी और पथराव हुआ है। हम स्थिति नियंत्रण में कर रहे हैं।” यह भी पढ़ें
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पुलिस अधीक्षक ने क्या बताया?
कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक यशवंत काले ने बताया “संविधान की प्रति तोड़ने वाले पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर बुधवार दोपहर करीब एक बजे भीड़ उग्र हो गई। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने एक दुकान के बाहर पाइपों में आग लगा दी। भीड़ के हिंसक होने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और उन्हें तितर-बितर कर दिया। प्रदर्शनकारी संविधान की प्रति को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। फिलहाल इलाके में स्थिति शांत है। पुलिस पल-पल की घटनाओं पर नजर रख रही है।”लोगों से शांति बनाए रखने की हो रही अपील
दूसरी ओर एडवोकेट मंचकराव सोलंकी ने कहा “मंगलवार को परभणी शहर में संविधान के अपमान की जो घटना घटी है वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इसमें जो भी व्यक्ति शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि इस तरह की घटना दोबारा ना हो। मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि वो शांति बनाए रखें और प्रशासन को अपना काम करने दें।” यह भी पढ़ें
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ये है पूरा मामला
दरअसल, महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर (औरंगाबाद) संभाग के परभणी शहर में कलेक्टर कार्यालय के सामने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की मूर्ति है। इस प्रतिमा के सामने संविधान और संविधान की प्रति रखी हुई है। मंगलवार शाम को किसी व्यक्ति ने संविधान की प्रति को तोड़ दिया। इससे अंबेडकर के अनुयायी नाराज हो गए। इसके बाद परभणी में देर रात तक आंदोलन शुरू हो गया। इसके तहत बुधवार को परभणी में बंद का ऐलान किया गया था। बुधवार को परभणी में कलेक्टर कार्यालय के सामने आंबेडकर के अनुयायी मूर्ति क्षेत्र में एकत्र हुए और सड़क रोको और रेल रोको के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। इसी दौरान भीड़ ने आक्रामक रूप धारण कर लिया। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। साथ ही बीएनएसएस की धारा 163 लागू कर दी गई है।महाराष्ट्र के संवेदनशील जिलों में आता है परभणी
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके में स्थित परभणी की महाराष्ट्र के संवेदनशील जिलों में गिनती होती है। यह शिवसेना का मजबूत गढ़ माना जाता है। इसके साथ ही यहां हिंदू-मुस्लिम बहुल आबादी होने के चलते इसे सेंसटिव इलाका कहा जाता है। शिवसेना के संजय जाधव यहां से लोकसभा के सांसद हैं। परभणी पहले हैदराबाद प्रेजिडेंसी का हिस्सा था, लेकिन महाराष्ट्र के गठन के बाद यह महाराष्ट्र में शामिल हो गया। यह भी पढ़ें
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सात बिंदुओं में समझें कैसे भड़की भीड़?
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो महाराष्ट्र में परभणी स्टेशन के सामने मंगलवार शाम पांच बजे एक सिरफिरे ने संविधान की प्रति को तोड़ दिया। इसकी जानकारी होते ही इलाके में तनाव फैल गया घटना के एक घंटे बाद यानी शाम करीब छह बजे अचानक प्रदर्शनकारी रेलवे स्टेशन की ओर पहुंच गए। जहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने नंदीग्राम एक्सप्रेस ट्रेन के लोको-पायलट को नीचे खींच लिया और उसके साथ मारपीट की।
इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने 30 मिनट यानी आधे घंटे से ज्यादा समय तक रेल पटरियों को बंद रखा। बाद में अधिकारियों के समझाने पर प्रदर्शनकारी शांत हो गए। हालांकि घटना के विरोध में बुधवार को बंद बुलाया गया।
बुधवार को एक बार फिर लोग एकत्रित हुए। इसके बाद भीड़ इस कदर आक्रोशित हो गई कि संविधान की प्रति तोड़ने वालों को फांसी देने तक की मांग शुरू कर दी। हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने आरोपी शख्स को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके बाद भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। इसके चलते बंद के दौरान ही हिंसा भड़क गई। पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। लेकिन भीड़ बेकाबू हो गई।
आक्रोशित भीड़ ने परभणी में जमकर बवाल किया। इसके बाद महिलाओं का झुंड कलेक्टर दफ्तर में घुस गया और तोड़फोड़ की। इसके बाद कई इलाकों में आगजनी शुरू हो गई। पुलिस और प्रशासन लोगों को शांत करने में जुटा है।