पालघर पुलिस ने कहा कि साधु रविवार सुबह 11 बजे के करीब जिले के वनगांव थानाक्षेत्र (Vangaon) के चंद्रनगर (Chandranagar) गांव में भिक्षा मांगने आए थे। लेकिन ग्रामीणों ने जब अनजान लोगों को भटकते देखा तो वह उन्हें बच्चा चोर समझ बैठे। फिर क्या था, यह अफवाह जंगल की आग की तरह फैल गई और वहां सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा हो गए। इस दौरान कुछ लोग साधुओं से पूछताछ भी करने लगे।
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पालघर के ग्रामीण पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल (Balasaheb Patil) ने बताया कि ग्रामीणों को संदेह हुआ कि दोनों बच्चा चोर हैं और कुछ ही समय में करीब 300 ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। इस दौरान एक ग्रामीण ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी। मौके की गंभीरता को देखते हुए तुरंत पुलिस टीम को मौके पर भेजा गया। अधिकारी ने कहा कि भीड़ के आक्रामक होने से पहले ही पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकार शांत किया और दोनों साधुओं को बचाकर थाने लेकर आयी. एक साधु ने गेरुए और दूसरे ने सफेद रंग के कपड़े पहने हुए थे। उन्होंने पुलिस को बताया कि वे यवतमाल जिले (Yavatmal) के रहने वाले हैं और भिक्षा मांगने के लिए गांव-गांव जाते हैं।
अधिकारी ने बताया कि उसकी ‘जनसंवाद’ पहल के चलते समय रहते हालात पर नियंत्रण पा लिया गया। अप्रैल 2020 में जिले के गडचिंचले गांव में भीड़ की हिंसा में दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या के बाद यह पहल शुरू की गयी थी।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस पहल के तहत पुलिसकर्मी गांव-गांव जाते हैं और स्थानीय लोगों से बातचीत कर उनके साथ तालमेल बढ़ाते हैं। इसके लिए हमने गांवों में एक-एक पुलिसकर्मी तैनात किया है जो लोगों से बातचीत कर मौके पर ही उनकी समस्याओं का समाधान कर देता है। जबकि कुछ मामले उच्च अधिकारियों के पास भेज दिये जाते हैं।
ग्रामीणों ने क्रूरता की सारी हदें की पार!
पालघर जिले के कासा थाना क्षेत्र के गडचिंचले गांव (Gadchinchile Village) के पास 16 अप्रैल 2020 को बच्चा चोर होने के संदेह में ग्रामीणों की भीड़ ने गाड़ी से जा रहे लोगों पर हमला कर दिया था। तब अंतिम संस्कार के लिए गुजरात जा रहे दो साधुओं और उनके ड्राइवर की लाठी-डंडों व पत्थरों से मार-मार कर हत्या कर दी गई थी।
ग्रामीणों ने क्रूरता की सारी हदें की पार!
पालघर जिले के कासा थाना क्षेत्र के गडचिंचले गांव (Gadchinchile Village) के पास 16 अप्रैल 2020 को बच्चा चोर होने के संदेह में ग्रामीणों की भीड़ ने गाड़ी से जा रहे लोगों पर हमला कर दिया था। तब अंतिम संस्कार के लिए गुजरात जा रहे दो साधुओं और उनके ड्राइवर की लाठी-डंडों व पत्थरों से मार-मार कर हत्या कर दी गई थी।
दोनों साधु राज्यव्यापी लॉकडाउन के बीच मुंबई के कांदिवली (Kandivali) से गुजरात के सूरत (Surat) में अपने गुरु के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे। इस घटना के कई वीडियो वायरल हुए। जिसमें साफ तौर पर दिख रहा है पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हिंसक भीड़ ने चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरी (70), सुशील गिरी महाराज (35) और निलेश तेलगाड़े (30) को मौत के घाट उतारा था। निलेश उस वाहन को चला रहा था जिससे दोनों साधु सूरत जा रहे थे। इस मामले की जांच अब सीबीआई करने वाली है।