विशाख कृष्णस्वामी ने पहले ही वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन कर दिया था। उस दौरान विशाख कृष्णस्वामी को पता चला कि फिलहाल रिकॉर्ड 60 दिनों का है। इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए विशाख कृष्णस्वामी ने 61 दिनों तक दौड़ लगाई। ये प्रयास विशाख कृष्णस्वामी ने इसी साल 1 सितंबर को शुरू कर दिया था। पिछले दो महीने पहले विशाख कृष्णस्वामी ने कल्याण-डोंबिवली नगर निगम के मैदान में सुबह 4 बजे से मैराथन शुरू की थी।
यह भी पढ़ें
SRA Flat Scam: घंटों पूछताछ के बाद बोलीं मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर, कहा- सीएम शिंदे और फडणवीस से करूंगी मुलाकात
बता दें कि विशाख कृष्णास्वामी ने दावा किया कि 61 दिनों की दौड़ के दौरान, उन्हें खराब मौसम से भी गुजरना पड़ा हैं। वे भारी बारिश के दौरान भी न रुके न थके। विशाख कृष्णास्वामी अपनी एथलेटिक गतिविधियों के प्रमाण के रूप में और जैसा कि रिकॉर्ड बुक नियमों के मुताबिक उन्होंने अलग-अलग प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करके अपने जीपीएस डेटा स्थानों, कोशिशों की तारीख और समय और दूरी का ट्रैक पर रखा था। विशाख कृष्णास्वामी ने कहा कि यह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीमों द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुरूप है। 29 साल के विशाख कृष्णास्वामी एक बीमा कंपनी के लिए काम करते हैं। विशाख कृष्णास्वामी द्वारा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के बाद कल्याण-डोंबिवली नगर निगम की फायर ब्रिगेड ने दो मिनट तक सायरन बजाकर विशाख की गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की उपलब्धि को सलाम किया। विशाख कृष्णास्वामी का परिवार खुशी से नाच उठा है। शिंदे गुट के एक स्थानीय नेता ने भी विशाख कृष्णास्वामी को इस कामयाबी के लिए बधाई दी है।