इस घटना के बारे में पता चलने पर पूरे परिवार और सोसायटी में हड़कंप मच गया। जिस लिफ्ट की चपेट में आने से 16 साल की बच्ची की मौत हुई उसे सिर्फ पांच दिन पहले ही शुरू किया गया था। बताया जा रहा है कि बच्ची अपने कजिन भाई और कुछ दोस्तों के साथ लुकाछिपी खेल रही थी। जब उसकी छिपने की बारी आई तो वो लिफ्ट के पास चली गई, वहां एक चौकोर सा हिस्सा खुला हुआ था। इसी खुले हिस्से में उसने अपना सिर छिपा लिया। इसी दौरान ये हादसा हुआ।
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इस घटना के बारे में पता चलने पर बच्ची के परिवार के सदस्यों ने हाउसिंग सोसायटी के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दी है। घर वालों का कहना है कि कंपनी को पहले ही इसे कवर करने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने बिल्कुल ध्यान नहीं दिया और ये बड़ा हादसा हो गया। कंपनी के लोगों से कहा गया था कि वो दरवाजे की खिड़की खुला न छोड़े। रेशमा के 12 साल के कजिन भाई ने बताया कि वो छिप गया था, इसी बीच उसने एक अजीब सी आवाज सुनी, उसके बाद वो उस आवाज को सुनने के लिए लिफ्ट के पास गया, वहां पहुंचकर उसने देखा कि रेशमा फंसी हुई थी। फिर उसने फौरन घरवालों की इसकी जानकारी दी। परिवार के सदस्यों को जब इसके बारे में पता चला तो वो भी मौके पर पहुंचने के बाद लिफ्ट का दरवाजा खोलने का प्रयास किया लेकिन लिफ्ट जाम हो गया था।
बता दें कि लिफ्ट के दरवाजे को खोलने में उन्हें करीब 15 मिनट का समय लगा। इसके बाद रेशमा को पास के शताब्दी हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन आधे घंटे के अंदर उसकी मौत हो गई। घाटकोपर के राजावाड़ी हॉस्पिटल में किए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उसके सिर और गर्दन में चोटें आई थीं। न्यू साई धाम सोसाइटी की लिफ्ट एक साल से अधिक समय से बंद था। सोमवार को रेशमा की मां साजन की शिकायत पर मानखुर्द पुलिस ने सोसायटी के सचिव रावसाहेब जाधव और चेयरमैन थॉमस नागक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304-ए के तहत लापरवाही का केस दर्ज कर लिया हैं।