महाविकास आघाड़ी सरकार में मंत्री रहे छगन भुजबल के इस बयान के बाद एक नया विवाद शुरू हो गया है। छगन भुजबल से कई लोगों ने माफी मांगने को कहा है। दूसरी तरफ राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने स्कूलों से सरस्वती देवी का फोटो हटाए जाने से साफ मना कर दिया है। भुजबल ने सरस्वती देवी का फोटो हटाने के लिए सरकार से मांग की थी।
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महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने कहा था कि स्कूल में भी सावित्रीबाई फुले, महात्मा फुले, साहू महाराज और भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगानी चाहिए क्योंकि इन हस्तियों की वजह से हमें शिक्षा और अधिकार मिले हैं। इसलिए इनकी पूजा कीजिये यह आपके देवता हैं। लेकिन लगाई गई है सरस्वती की तस्वीर, शारदा मां की तस्वीर, जिन्हें हमने कभी देखा नहीं और जिन्होंने कभी हमें कुछ सिखाया नहीं। सरस्वती और शारदा माता ने जो सिखाया, वो केवल 3 प्रतिशत और वह भी आरएसएस के लोगों को सिखाया और इससे हमें अलग और दूर रखा। छगन भुजबल के विवादित बयान के खिलाफ कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू है। संतों और महंतों ने भी छगन भुजबल के इस बयान को लेकर अपना आपत्ति जताई है। ब्राह्मण महासंघ के अध्यक्ष आनंद दवे ने भी भुजबल के इस बयान पर अपनी आक्रोश जताया है। बीजेपी ने ना केवल छगन भुजबल से माफी मांगने को कहा है बल्कि एनसीपी और शिवसेना को भी इस बारे में अपना स्टैंड साफ करने को कहा है। इसके साथ ही शिंदे-फडणवीस सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि स्कूलों में सरस्वती देवी का फोटो नहीं हटाया जाएगा।