सीएम एकनाथ शिंदे ने इलेक्शन कमीशन को कहा है कि इसलिए, बड़ी ही विनम्रता और सम्मानपूर्वक के साथ प्रार्थना की जाती है कि, वर्तमान याचिका के प्रवेश और अंतिम निपटान तक इलेक्शन कमीशन ये चुनाव चिन्ह के लिए 1968 के अनुच्छेद 15 के तहत याचिकाकर्ता की दायर याचिका को फौरन सुनें और धनुष-बाण चिन्ह हमें सौंप दें।
बता दें कि इससे पहले शिंदे खेमा जुलाई में भी शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर अपना दावा ठोक चुकी हैं। इलेक्शन कमीशन को भेजी गई चिठ्ठी में शिंदे गुट ने असली शिवसेना होने का दावा किया था और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा दी गई मान्यता का हवाला भी दिया था।
अब चुनाव आयोग ये तय करेगा कि शिवसेना के धनुष-बाण चिन्ह का असली मालिक कौन है। इसके लिए चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों को सात अक्टूबर तक दस्तावेज जमा करने का आदेश दिया हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही आयोग ने उद्धव ठाकरे खेमे और एकनाथ शिंदे गुट को 7 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया है। अंधेरी उपचुनाव का एलान होने के साथ ही उत्सुकता भी बढ़ गई है कि क्या इस बीच धनुष-बाण पर फैसला लिया जा सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव के एलान के समय चुनाव चिन्ह किसी एक खेमे को दिया जायेगा या चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया जाएगा।