एनसीपी प्रमुख ने कहा कि जो प्रोजेक्ट गुजरात चला गया, उसे अब वापस लाना आसान नहीं है। यह कह कर दिल बहलाया जा रहा है। यह कह कर भी शिंदे-फडणवीस सरकार भरोसा दिला रही है कि इससे भी बड़ा प्रोजेक्ट वे महाराष्ट्र में लाएंगे। यह आश्वासन किसी छोटे बच्चे को समझाने जैसी बातें हैं।
बता दें कि शरद पवार ने आगे कहा कि अब तक महाराष्ट्र की जो सरकारें थीं वो उद्योग-धंधों को प्रोत्साहन देने का काम करती थीं। लेकिन शिंदे-फडणवीस सरकार में वो बात नजर नहीं आ रही है। वेदांत प्रोजेक्ट का गुजरात चले जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। अब जिस तरह एक बच्चे को गुब्बारा देने पर जब दूसरा बच्चा रोने लगता है तो जैसे उसे समझाते हैं कि रोओ मत तुम्हें इससे भी बड़ा फुग्गा लाकर देंगे। वहीं, खेल चल रहा है। इसकी जिम्मेदारी पिछली सरकार पर डालकर ये हाथ खड़े करने का प्रयास कर रहे हैं। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश कर यह प्रोजेक्ट फिर से महाराष्ट्र ले आएं तो अच्छी बात होगी। लेकिन गुजरात गया प्रोजेक्ट फिर से महाराष्ट्र लाना ना के बराबर है।
आगे शरद पवार ने यह भी कहा कि केंद्र में मोदी सरकार के होते हुए महज कुछ ही राज्यों पर ध्यान दिया जा रहा है। मोदी ने पीएम बनने के बाद सबसे ज्यादा गुजरात का दौरा किया है। इस समय महाराष्ट्र में सत्ताधारी और विपक्ष को एक मंच पर आकर विचार करने और योजनाएं बना कर साथ चलने की आवश्यकता है। महाराष्ट्र में आने वाले अच्छे प्रोजेक्ट का बाहर जाना पहली बार नहीं हुआ है। निवेश के लिए माहौल बनाना वर्तमान सरकार की जिम्मेदारी है, जो नहीं निभाई गई। शरद पवार ने राज्य के नए सीएम शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य अधोगति की तरफ जा रहा है और वे घूम-घूम कर राज्य को समझने का प्रयास कर रहे हैं।