कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है और 9 नवंबर को फैसला सुनाया जाएगा। सांसद संजय राउत आज कोर्ट पहुंचे जहां पर उनकी जमानत याचिका पर ईडी की तरफ से जिरह पूरी हो जाएगी। इसके बाद कोर्ट अपना आदेश दे सकता है। ईडी ने इस मामले में एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। इसमें संजय राउत को मामले में आरोपी बनाया गया था।
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बता दें कि स्पेशल जज एमजी देशपांडे ने अभियोजन की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत के सहयोगी प्रवीण राउत समेत मामले के सभी आरोपियों को समन जारी किया था। उनके वकील ने कहा था कि वह आरोपपत्र का अध्ययन करना चाहते हैं और अपनी याचिका में अतिरिक्त आधार जोड़ने का निर्णय करना चाहते हैं। ईडी ने मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में वित्तीय अनियमितता के संबंध में राउत को 1 अगस्त को गिरफ्तार किया था। अब संजय राउत की रिमांड और जमानत दोनों को एक साथ मर्ज कर दिया गया है। क्या है पात्रा चॉल मामला: पात्रा चॉल सिद्धार्थ नगर उपनगरीय गोरेगांव में स्थित है, जो करीब 47 एकड़ में फैला है। इसमें 672 परिवार किराया देकर रहते हैं। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ने एचडीआईएल की एक सहयोगी कंपनी को 2008 में चॉल के लिए एक पुनर्विकास अनुबंध सौंपा था।
संजय राउत की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए ईडी ने कोर्ट को बताया था कि उन्होंने पात्रा चॉल पुनर्विकास से मनी लॉड्रिंग मामले में मुख्य भूमिका निभाई थी। उन्होंने पूरा काम पर्दे के पीछे रहकर किया। ईडी ने संजय राउत की इस दलील का भी खंडन किया था कि उनके खिलाफ कार्रवाई किसी द्वेष या राजनीतिक प्रतिशोध के चलते की गई है।