वहीं, जब गांव के बड़े लोग घरों के भीतर सो रहे होते थे तब यह अजगर धीरे से आता था और किसी ना किसी बकरे को अपना शिकार बनाता था। ऐसा करके देखते ही देखते इस अजगर ने नौ बकरों को निगल लिया। इस अजगर की दहशत इतनी ज्यादा थी कि जहां वो दिखाई दे जाता था, गांव में उस तरफ कोई नहीं आता-जाता था। किसान उस जगह से आने-जाने में भी घबराते थे और छोटे बच्चों को तो उसके आस-पास के इलाके में भी नहीं छोड़ा जाता था।
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बता दें कि ढोंगे नाम के एक किसान का जब चौथा बकरा अजगर निगल लिया तो इसकी जानकारी अर्थ कंजर्वेशन ऑर्गनाइजेशन संस्था के सदस्यों को दी गई। सर्प विशेषज्ञ ललित उरकुडे सहयोगियों विवेक राखडे, चेतन राखडे और इशान वठे के साथ खबर मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचे। जिसके बाद बड़ी ही मशक्कत के बाद इन्होंने इस विशालकाय अजगर को रेस्क्यू कर लिया। अजगर को रेस्क्यू करने के बाद गांववालों ने खुलकर जश्न मनाया और संस्था के सभी सदस्यों का शुक्रिया अदा किया। ऐसे किया गया रेस्क्यू: बता दें कि ब्रह्मपुरी तालुका में 12 फुट लंबा अजगर मिलने की यह पहली घटना सामने आई है। इस अजगर की दहशत खत्म होने के बाद गांववालों ने राहत की सांस ली हैं। इस अजगर ने एक-एक कर 9 बकरों को अपना शिकार बनाया था। एक किसान के ही अकेले चार बकरे निगल लिए गए तो इस गांव के किसानों की परेशानियां और भी ज्यादा बढ़ गई। इसके बाद गांववालों ने अर्थ कंजर्वेशन ऑर्गनाइजेशन और उससे जुड़े सर्व विशेषज्ञों से संपर्क किया। जिसके बाद संस्था के सदस्यों ने आकर अजगर को पकड़ा और इसे जंगलों में छोड़ दिए।