महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि स्कूल में भी सावित्रीबाई फुले, महात्मा फुले, साहू महाराज और भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगानी चाहिए क्योंकि इन हस्तियों की वजह से हमें शिक्षा और अधिकार मिले हैं। इसलिए इनकी पूजा कीजिये यह आपके देवता हैं। लेकिन लगाई गई है सरस्वती की तस्वीर, शारदा मां की तस्वीर, जिन्हें हमने कभी देखा नहीं और जिन्होंने कभी हमें कुछ सिखाया नहीं। सरस्वती और शारदा माता ने जो सिखाया, वो केवल 3 प्रतिशत और वह भी आरएसएस के लोगों को सिखाया और इससे हमें अलग और दूर रखा।
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बीजेपी ने साधा निशाना: एनसीपी नेता छगन भुजबल के इस बयान का बीजेपी नेता राम कदम ने खुलकर विरोध किया है। राम कदम ने कहा कि हिन्दू देवी देवताओं से इतनी नफरत क्यों है? राम कदम ने कहा कि छगन भुजबल ने कहा कि स्कूलों से देवी देवताओं की तस्वीरें हटाई जाएं। लेकिन जब चुनाव आते हैं तो यही नेता हिंदू देवी-देवताओं के मंदिरों में मत्था टेकने का दिखावा करते हैं और अब कह रहे हैं कि देवी देवताओं की तस्वीरों की कोई आवश्यकता नहीं, उन्हें हटा दिया जाए। राम कदम ने कहा कि एनसीपी नेता को हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए ये बयान वापस लेना होगा। बता दें कि किसी जमाने में छगन भुजबल शिवसेना के फायरब्रांड नेता माने जाते थे। उस समय छगन भुजबल हिंदुत्व के मुद्दे पर खूब बयान देते थे। कुछ सालों बाद जब शिवसेना के तत्कालीन प्रमुख बाला साहेब ठाकरे से छगन भुजबल की अनबन हुई, जिसके बाद उन्होंने शिवसेना छोड़ दी और बाद में एनसीपी में शामिल हो गए। बीते दिनों छगन भुजबल ने अपनी पार्टी के कई नेताओं और शिवसेना सांसद संजय राउत को जेल भेजे जाने का जमकर विरोध किया था।