शिकायतकर्ता जयंत वंजारी ने कोर्ट के संज्ञान में लाया कि नवनीत राणा के खिलाफ कोर्ट द्वारा जारी गैर जमानती वारंट पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की है। इस संबंध में कोर्ट ने मुंबई पुलिस आयुक्त को आदेश दिया कि वह लोकसभा अध्यक्ष को मामले के संबंध में चिठ्ठी लिखें।
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बता दें कि इस दौरान मुलुंड थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक ने सांसद नवनीत राणा मामले में कार्रवाई के लिए और समय मांगा। लेकिन कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यहां कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हो रहा है। कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? जबकि आरोपी महाराष्ट्र में ही है। कोर्ट ने पुलिस के और समय के अपील को रद्द कर दिया। फिलहाल नवनीत राणा के मामले में अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी। एफिडेविट में फेक जाति प्रमाण पत्र का मामला: अमरावती के सांसद नवनीत राणा पर आरोप है कि उन्होंने अपने इलेक्शन एफिडेविट में फेक जाति सर्टिफिकेट लगाया था। इस फेक सर्टिफिकेट के खिलाफ शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल और सुनील भालेराव ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने जून 2021 में नवनीत राणा का जाति सर्टिफिकेट खारिज किया था। इसके अलावा उनके ऊपर दो लाख का जुर्माना भी लगा दिया था।
बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को नवनीत राणा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के बाद फिलहाल बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है। सांसद नवनीत राणा के परिजनों पर भी फेक जाति प्रमाण पत्र मामले में गंभीर आरोप लगे हैं। नवनीत राणा के पिता पर आरोप है कि उन्होंने फेक जाति प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए स्कूल के एडमिशन के भी फेक डाक्यूमेंट्स बनवाए।