अतिरिक्त लोक अभियोजक एस आर कुलकर्णी ने कोर्ट को बताया कि महिला ने 15 अप्रैल 2018 को एक बच्ची को जन्म दिया था और उसे 17 अप्रैल को हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गयी। उसकी पहले से दो बेटियां हैं। उन्होंने आगे बताया कि 21 अप्रैल 2018 को मुंबई से सटे कल्याण के उंबर्डे गांव की रहने वाली महिला अपने पति तथा नवजात बच्ची के साथ सिविल हॉस्पिटल पहुंची, जहां चिकित्सकों ने हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही बच्ची की मौत होने की पुष्टि की।
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खड़कपाडा पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की और आरोप लगाया कि महिला ने तीसरी लड़की होने पर बच्ची की गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस ने महिला के खिलाफ मर्डर का केस दर्ज कर लिया। इसके बाद जज ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन यह साबित नहीं कर पाया कि मृतक बच्ची के गर्दन पर मिले नाखून के निशान आरोपी महिला के थे। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जो यह प्रूफ कर सके कि आरोपी महिला ने बच्ची का मुंह और गला दबाया और उसका मर्डर कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सबूतों के अभाव में महिला को बरी किया जाता है।