इन शर्तों में एक शर्त ये भी है कि जब भी उन्हें जांच या पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा, उन्हें संबंधित जांच एजेंसी से सहयोग करना पड़ेगा। ईडी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में संशोधित याचिका भी दायर की। बॉम्बे हाईकोर्ट में आज दायर संशोधित याचिका में ईडी ने संजय राउत की जमानत रद्द करने की मांग की है। इसका मतलब संजय राउत की मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं।
बता दें कि करीब 100 दिन जेल में रहने के बाद संजय राउत को मुंबई सेशंस कोर्ट के स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने जमानत दी थी। ईडी ने तब भी इसे चैलेंज देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत के आदेश पर रोक लगाने से मना कर दिया था। हाईकोर्ट ने ईडी से कहा था कि जिस मामले की सुनवाई में मुंबई सेशंस कोर्ट को एक महीने से अधिक का समय लगा, उसपर वो एक दिन में फैसला कैसे दे सकता है।
अब प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना सांसद संजय राउत की जमानत खारिज करने की मांग करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में संशोधित याचिका दायर की है। इस पर 25 नवंबर को सुनवाई होनी हैं। पिछली बार ईडी ने जस्टिस भारती डांगरे की खंडपीठ के सामने याचिका दायर की थी। कोर्ट ने ईडी की कुछ गलतियां गिनाई थीं और फौरन सुनवाई से मना कर दिया था।
कोर्ट ने संजय राउत के गिरफ्तारी को ही अवैध बता दिया था और सवाल किया था कि कुछ गवाहों के बयानात राकेश वाधवान और सारंग वाधवान के मुख्य आरोपी होने की तरफ संकेत करते हैं। लेकिन ईडी ने अपनी मन से सेलेक्टेड तरीके से संजय राउत को प्रमुख आरोपी बनाया। इस तरह कोर्ट ने और कुछ गलतियां भी बताई थीं। उन गलतियों को सुधार कर ईडी ने संशोधित याचिका दायर कर दी है। अब इस पर 25 नवंबर को जो सुनवाई होगी।