नाना पटोले ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि ये जो लंपी वायरस के जो रोग है वो नाइजीरिया के हैं वहां पर कई सालों से लंपी वायरस था। ये जो चीतों को भारत लाया गया है नाइजीरिया से लाया गया है। चीतों के धब्बे और गायों पर इस वायरस से धब्बे एक जैसे हैं। केंद्र सरकार ने किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए ये कदम जानबूझकर कर उठाया हैं।
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बता दें कि लंपी वायरस के मामले शुरू में राजस्थान और गुजरात में पाए गए थे। इसके बाद यह बीमारी धीरे-धीरे पंजाब, यूपी, मध्य प्रदेश, हरियाणा और अब महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में फैल गया। इस वायरस की चपेट से कई पशुओं की मौत हो गई। इस वायरस के लिए स्वस्थ पशुओं को गोट पॉक्स का वैक्सीन दिया जा रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक, लंपी वायरस पोक्सो वायरस के जैसा ही फैलता है, जो कि कीड़े, मक्खी मच्छर की वजह से होता है। महाराष्ट्र में लंपी वायरस की चपेट में आने से अब तक सैकड़ों पशुओं की मौत हो गई है। पिछले कई हफ़्तों से राज्य के पांच जिलों- नासिक, नंदुरबार, जलगाँव, धुले और अहमदनगर में लंपी रोग का कहर सबसे ज्यादा देखने को मिला है। जहां इस ढेलेदार त्वचा रोग (एलएसडी) की वजह से अब तक 250 से अधिक मवेशियों की मौत हो चुकी है।लंपी वायरस से संक्रमित गोवंश होम्योपैथिक इलाज से करीब 10-15 दिन में ठीक हो रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर 8 चीतों नामीबिया से भारत लाया गया था। नामीबिया से लाए गए इन चीतों को खुद पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के कुनो-नेशनल पार्क में छोड़ा था।