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Maharashtra News: CM शिंदे ने दो मंत्रियों को ‘स्टडी’ के लिए भेजा गुजरात, जानें क्या है सीएम डैशबोर्ड मॉडल

गुजरात का सीएम डैशबोर्ड मॉडल अब जल्द ही महराष्ट्र में भी लागू होगी। साल 2018 में शुरु हुए सीएम डैशबोड को ई-गर्वर्नेंस के इलाके में क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। अब महारष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने इसे लागू करने का मन बनाया हैं। इसके लिए सीएम शिंदे के दो मंत्री इसकी कार्य प्रणाली को समझने के लिए गुजरात पहुंचे हैं।

मुंबईSep 27, 2022 / 07:41 pm

Siddharth

Uday Sawant and Sudhir Mungantiwar

देश के कई राज्यों के बाद अब जल्द ही महाराष्ट्र में सीएम डैशबोर्ड की शुरुआत की जाएगी। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे नेदो मंत्रियों को गुजरात के सीएम डैशबोर्ड मॉडल को स्टडी करने के गुजरात भेजा है। दोनों मंत्री सीएम डैशबोर्ड की कार्य प्रणाली को समझेंगे और फिर महारष्ट्र में इसी तर्ज पर सीएम डैशबोर्ड की शुरुआत होगी। सीएम शिंदे ने उद्योग मंंत्री उदय सावंत और वन मंत्री सुधीर मुगंटीवार को गुजरात भेजा है। दोनों मंंत्री गुजराव प्रवास में सीएम डैशबोर्ड को अच्छे जानेंगे और समझेंगे। इसके बाद महाराष्ट्र में यह सिस्टम शुरु करने की दिशा में काम किया जाएगा।
क्या है डैशबोर्ड: डैशबोर्ड शब्द एकदम सामान्य है। कार में जिस तरीके से डैशबोर्ड होता है जहां से कई कमांड दिए जा सकते हैं। ठीक उसी तर्ज पर गुजरात का सीएम डैशबोर्ड अपनी तरह का पहला ऐसा सिस्टम है। जो ई-गर्वर्नेंस से जुड़े कई डाटा को एक कमांड के जरिए स्क्रीन पर दिखा देता है। इससे सीएम ऑफिस को कई डिपार्टमेंट, सेवाओं और अधिकारियों के प्रदर्शन को मापने में आसानी होती है।
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इतना ही नहीं कोई प्रॉब्लम है तो उसके हल में यह अहम भूमिका निभाता है। गुजरात सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से राज्य की जोन वाइज समीक्षा होती है। इसमें जिले और तहसील के स्तर प्रदर्शन को दिखाया जाता है। सरकारी योजनाओं के अमल के लिए अंक भी दिए जाते हैं और इसके हिसाब से जिलों की रैंक तय होती है। सीएम डैशबोर्ड से राज्य सरकार के सभी विभाग (सेक्रेटरी, नोडल/सब नोडल ऑफिसर्स, एचओडी) के साथ जिला ऑफिसों को जोड़ा गया है। इनमें कलेक्टर, डीडीओ और एसपी आदि शामिल हैं।
इस डैशबोर्ड के जरिए सीएम को अपने ऑफिस में बैठकर यह मालूम हो जाता है कि किस जिले का अमुख योजना में कैसा प्रदर्शन है। साल 2018 में गुजरात में पूर्व सीएम विजय रुपाणी के ऑफिस में इसकी शुरुआत हुई थी। इसे नेशनल इंफारमेटिक्स सेंटर (एनआईसी) की मदद से स्थापित किया गया है। यह डैशबोर्ड ई-गर्वर्नेंस से जुड़े करीब 3 हजार इंडीकेटर पर परफॉरमेंस का आकलन करता है। इसकी पहुंच ग्राम पंचायत तक है।
https://youtu.be/UWMv_630eig
ऐसे काम करता है ये डैशबोर्ड:

1. कलेक्शन ऑफ डाटा
2. वैलीडेशन ऑफ डाटा
3. एनालिसिस ऑफ डाटा
4. आईडेंटीफिकेशन ऑफ करेक्टिव इंडीकेटर्स
5. परफॉरमेंस मीजरमेंट
6. फीडबैक मैनेजमेंट
7. सिटीजन रिस्पांस
8. करेक्टिव मेकेनिज्म

इस डैशबोर्ड से दूसरे राज्य हुए मुरीद: बता दे कि केरल सरकार के मुख्य सचिव वीपी जॉय हो या फिर नीति आयोग के सीईओ परमेश्वरन अय्यर सभी डैशबोर्ड की कार्यप्रणाली और फायदों की काफी तारीफ कर चुके हैं। सीएम भूपेन्द्र पटेल के मुख्य प्रधान सचिव के कैलाशनाथन डैशबोर्ड की कार्य पद्वति को सबसे अच्छे तरीके से जानते हैं।

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