अपने जिले नांदेड़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने दावा किया कि शिवसेना के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे उनके मुंबई स्थित निवास पर एक बैठक की थी। उस बैठक में इस प्रतिनिधिमंडल ने गठबंधन से राज्य में सरकार बनाने का ऑफर दिया था।
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अशोक चव्हाण ने आगे कहा कि उस समय महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन की सरकार थी। उस सरकार में एकनाथ शिंदे खुद मंत्री थे। बीजेपी के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस इस सरकार का नेतृ्त्व कर रहे थे। अशोक चव्हाण उस समय महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उस समय खुद एकनाथ शिंदे बीजेपी से अलग होना चाहते थे। बता दें कि कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने आगे कहा कि मैंने उस समय शिंदे को एक ही सलाह दी थी कि इसके लिए शिवसेना को एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भी संपर्क करना चाहिए। मैंने शिंदे को कहा था कि अगर शरद पवार इसके लिए तैयार हो जाएंगे तो मैं अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से बात करुंगा।
लेकिन उसके बाद एकनाथ शिंदे ने शरद पवार से इस बारे में कोई बात नहीं कि। अशोक चव्हाण का दावा था कि यह कथित मुलाकात साल 2017 के स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने को लेकर हुई थी। उस समय बीजेपी और शिवसेना के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा था। दोनों के बीच रिश्ते अच्छे नहीं थे। दोनों पार्टियों ने 2017 का निकाय चुनाव अलग-अलग ही लड़ा था।