हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद डॉक्टरों ने कुछ टेस्ट किए, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची रॅपन्ज़ेल सिंड्रोम से ग्रस्त है, जिसमें इंसान को अपने बाल खाने की आदत होती है। बच्ची के पेरेंट्स ने सबसे पहले उसका एक प्राइवेट क्लीनिक में इलाज कराया, लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं आया। कुछ खाने के बाद ही वह तुरंत उल्टी कर देती थी।
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बता दें कि मासूम बच्ची की बिगड़ती हालत को देखते घरवाले उसे वसई पश्चिम में स्थित डिसूजा हॉस्पिटल (D’souza Hospital) में लेकर गए। वहां डॉक्टरों ने पहले उसका सोनोग्राफी (Sonography) कराया। रिपोर्ट में पता चला कि उसकी छोटी आंत में बाल के गुच्छे इकठ्ठा हो गए हैं। मासूम की सर्जरी करने वाले डॉ जोसेफ डिसूजा ने बताया कि बच्ची के पेट की जांच के बाद सामने आई सोनोग्राफी की रिपोर्ट से सच्चाई का पता चला। मैंने बच्ची के पेरेंट्स से बात की, तो उन्होंने बताया कि बच्ची को पिछले 7-8 सालों से अपने बाल खाने और नाखून चबाने की आदत है। इसे रॅपन्ज़ेल सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है।
मिली जानकारी के मुताबिक डॉ डिसूजा ने आगे बताया कि करीब डेढ़ घंटे के ऑपरेशन के बाद हम बच्ची के पेट से बालों के गुच्छे को निकालने में सफल रहे, जो 32 इंच लंबा, 13 इंच चौड़ा है और 1.2 किलो वजनी था। इस गुच्छे में भोजन के टुकड़े वगैरह मिक्स हुए थे।