ठाणे के पूर्व महापौर म्हस्के ने पुलिस का आभार व्यक्त किया और शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर शिंदे गुट के साथ विवाद के मद्देनजर निर्वाचन आयोग के समक्ष शपथ पत्र देने में कथित कदाचार को लेकर ठाकरे गुट की आलोचना की।
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ठाणे के पूर्व महापौर नरेश म्हस्के ने आगे कहा कि मेरा आरोप है कि शिवसैनिकों के ये फेक और झूठे शपथ पत्र इलेक्शन कमीशन के समक्ष जमा कराने के लिए तैयार किए गए। म्हस्के ने दावा किया कि यह सब कुछ ‘‘मातोश्री’’ के मार्गदर्शन में हो रहा है। ‘मातोश्री’ उपनगर बांद्रा में पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे का निजी आवास है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें एक नोटरी से शपथ पत्र मिले, जिसमें शिवसेना समर्थकों के आधार कार्ड जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां संलग्न थीं। बता दें कि इसके बाद शनिवार को निर्मल नगर पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 465 (जालसाजी) के तहत केस दर्ज किया गया। एफआईआर में कहा गया है कि शिकायतकर्ता बांद्रा की एक कोर्ट में गया था और उसने दो लोगों को शपथ पत्रों के ढेर के साथ देखा, जिस पर नोटरी की मुहर लगी थी। इसमें कहा गया है कि पुलिस ने सभी शपथ पत्र बरामद कर लिए और अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
निर्मल नगर पुलिस थाने के एक अधिकारी के मुताबिक, शपथ पत्र बनवाने वाले शख्स को नोटरी के समक्ष पेश होना पड़ता है। इस मामले में जिन लोगों के नाम शपथ पत्र में थे, वे वहां मौजूद नहीं थे। अधिकारी ने आगे कहा कि पुलिस उन लोगों को बुलाएगी और यह पुष्टि करेगी कि क्या उन्होंने उद्धव ठाकरे गुट के सपोर्ट में शपथ पत्र बनवाए हैं और क्या उन्हें अपने नाम पर शपथ पत्र तैयार किए जाने के बारे में पता है। पुलिस इस बात का भी पता लगाएगी कि क्या इन समर्थकों ने अपनी तरफ से शपथ पत्र बनाने का जिम्मा किसी और को दिया है।