नांदेड पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि घटना गुरुवार शाम को बोंधर हवेली गांव (Bondhar Haveli Village) में हुई थी। नांदेड के पुलिस अधीक्षक श्रीकृष्ण कोकाटे (Shrikrushna Kokate) ने कहा “हमने हत्या का मामला दर्ज किया है और सात लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर हत्या समेत अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की संबंधित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।“
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मृतक अक्षय भालेराव के बड़े भाई आकाश ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा, ‘मराठा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नारायण तिड़के (Narayan Tidke) की शादी थी। इस कार्य्रकम में शामिल लोगों का एक समूह सड़क पर जश्न मना रहा था। वे हाथों में तलवारें, खंजर और लाठियां लेकर नाच रहे थे।” बयान में आरोप लगाया गया है कि गुरुवार की शाम करीब साढ़े सात बजे जब आकाश और अक्षय किराने की दुकान पर सामान खरीदने के लिए गए थे तो समूह में शामिल लोगों ने कथित तौर पर उनके खिलाफ टिप्पणियां करनी शुरू कर दीं।
बयान में कहा गया है, “उनमें से एक ने कहा कि इन लोगों को गांव में भीम जयंती (Bhim Jayanti) मनाने के लिए मार दिया जाना चाहिए।” इसके बाद कुछ लोगों मृतक को पीटना शुरू कर दिया। आकाश ने अपनी शिकायत में कहा, आरोपियों ने मेरे भाई पर लाठियों से हमला किया। इस बीच कुछ लोगों ने मेरे भाई के हाथ और पैर पकड़े, फिर दो आरोपियों ने उसके पेट में चाकू घोंप दिया।
इस दौरान शिकायतकर्ता ने अपने भाई को बचाने का प्रयास किया तो आरोपितों ने उसे भी चाकू मार दिया।मृतक के बड़े भाई संदेश ने कहा “आकाश के बाएं हाथ में चोटें आई हैं। बेटों को बचाने के लिए जब मां दौड़ी तो आरोपियों ने उन पर पथराव शुरू कर दिया और वह घायल हो गयीं।”
परिजन बुरी तरह जख्मी अक्षय को तत्काल रिक्शे से पास के अस्पताल लेकर भागे, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने कहा कि अस्पताल में भर्ती करने से पहले ही अक्षय को मृत घोषित कर दिया गया था।
नांदेड़ ग्रामीण पुलिस (Nanded Rural Police) थाने के एक अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि जातीय संघर्ष के कारण हत्या हुई है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा और हमला करने का मामला दर्ज किया गया है। साथ ही एफआईआर में अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारायें और आर्म्स अधिनियम की धाराओं को भी जोड़ा गया है।