हाल के कुछ बयानों से साफ है कि महायुति में मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना को लेकर मतभेद है। शिवसेना और बीजेपी के कुछ नेताओं का मानना है कि अजित पवार अकेले ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन’ योजना का श्रेय ले रहे है।
शिवसेना ने ‘लाडकी बहिन योजना’ के विज्ञापनों से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम हटाए जाने को लेकर सहयोगी एनसीपी और उसके मुखिया अजित पवार की आलोचना की है। महाराष्ट्र के आबकारी मंत्री शंभुराज देसाई ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि उनकी पार्टी यह मुद्दा सहयोगी दलों के समक्ष उठाएगी।
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सीएम शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता देसाई ने कहा, उनके (पवार के) जनसंपर्क कार्यक्रमों के दौरान योजना के पूरे नाम का इस्तेमाल नहीं करना प्रोटोकॉल के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘योजना के नाम में ‘मुख्यमंत्री’ शब्द भी जुड़ा है और योजना के नाम से इसे हटाना ठीक नहीं है। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। यह राज्य सरकार की योजना है और उन्हें (अजित पवार को) हर किसी को साथ लेकर चलना चाहिए… हम इस संबंध में सीएम और डिप्टी सीएम से बात करेंगे…’’ बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को देखते हुए अजित पवार ने पिछले महीने ‘जन सम्मान यात्रा’ नाम से अपनी पार्टी का जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू किया। महाराष्ट्र में नवंबर में चुनाव होने की संभावना है। पवार राज्य के वित्त मंत्री भी हैं। पवार अपने हर कार्यक्रम में ‘लाडकी बहिन’ योजना का जिक्र कर रहे है और महिला वोटरों को अपने पक्ष में कर रहे है।
बताया जा रहा है कि एनसीपी के ‘जन सम्मान यात्रा’ के दौरान इस्तेमाल किए जा रहे विज्ञापनों व अन्य प्रचार सामग्रियों में योजना के नाम का जिक्र सिर्फ ‘माझी लाडकी बहिन’ के रूप में किया जा रहा है। यहां तक कि अजित दादा की पार्टी ने दो वीडियो भी जारी किया और इसमें भी योजना के लिए लाभार्थियों को अजित पवार को शुक्रिया अदा करते हुए दिखाया गया।