महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “हमेशा की तरह विपक्ष ने मानसून सत्र के चाय कार्यक्रम का बहिष्कार किया। हम इस सत्र के दौरान सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। 210 से अधिक विधायक हमारे (मौजूदा सरकार) साथ हैं। लेकिन अगर हम कुछ गलत कर रहे हैं तो विपक्ष को हमसे सवाल करना चाहिए, लोगों के कल्याण के लिए सवाल उठाया जाना जरूरी है। जब सरकार कुछ अच्छा करती है तो सरकार की प्रशंसा करना भी विपक्ष का कर्तव्य होता है।”
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वहीँ, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र कल से शुरू हो रहा है। हम सत्र के दौरान सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे, भले ही हमारी ताकत बढ़ गई है, लेकिन हम सुनिश्चित करेंगे कि हम इसका दुरुपयोग न करें और जनता के हित से संबंधित जो भी मुद्दे विपक्ष उठाएगा उसका समाधान करें। आज स्थिति ऐसी है कि हमारी सरकार के एक साल के प्रदर्शन के कारण महाराष्ट्र FDI में नंबर एक स्थान पर पहुंच गया है। विपक्षी दलों द्वारा चाय समारोह का बहिष्कार करने को लेकर अजित पवार ने कहा, ‘उन्होंने जो हमें पत्र भेजा है, उस में कोई ठोस कारण नहीं बताया गया है।’ एनसीपी नेता ने यह भी भरोसा जताया है कि वह सत्र के दौरान विरोधियों को सटीकता और सम्मान के साथ जवाब देंगे।
बता दें कि वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना (अविभाजित) ने महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिलाया था। बाद में शिंदे की बगावत के चलते पिछले साल जून में उद्धव ठाकरे नीत एमवीए सरकार गिर गई थी। फिर एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई। इस बीच 2 जुलाई 2023 को अजित पवार ने एनसीपी संस्थापक शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हो गये। इससे एनसीपी दो धड़ों में बंट गयी है। एनसीपी के अधिकांश विधायक अजित दादा के साथ है। जबकि एनसीपी के 9 मंत्री भी महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा है।