जालना घटना पर छत्रपति संभाजीनगर रेंज (Aurangabad Range) के स्पेशल आईजीपी (IGP) डॉ. ज्ञानेश्वर सदाशिव चव्हाण (Dnyaneshwar Chavan) ने कहा, मराठा आरक्षण के लिए आमरण अनशन पर बैठे मनोज जरांगे (Manoj Jarange) की सेहत खराब हो रही थी। जब एडिशनल एसपी और एसडीएम ने उन्हें इलाज के लिए मनाया तो वहां मौजूद भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद जरुरत के तहत बल प्रयोग किया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को मनोज जरांगे को उनकी सहमती पर ही अस्पताल ले जाया जा रहा था। लेकिन वहां मौजूद लोग इसके लिए सहमत नहीं थे और उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। घटना में 21 महिला और 43 जवान और अफसर घायल हुए हैं। इस पथराव के दौरान कुल 64 पुलिसकर्मी जख्मी हुए है। फिर हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए उचित बल का प्रयोग किया गया।
उन्होंने कहा, प्रदर्शनकारियों ने कई बसें जला दी है। जिसकी शिकायत हमें मिली है। जिले में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है और अब तनाव कम हो रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हालात पर नजर बनाये हुए हैं। हम पूरी तरह से सावधान और सतर्क हैं। उन्होंने जनता से शांति बनाये रखने की अपील की है।
IGP चव्हाण ने कहा, शनिवार को जालना में भी कुछ लोगों ने पुलिस और वाहनों पर पत्थरबाजी की थी जिसके बाद हमने 40 लोगों को गिरफ्तार किया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है। इस घटना के बाद हमने भीड़ को हटाने के लिए जरूरत फ़ोर्स का इस्तेमाल किया। हम मामले की जांच कर रहे हैं।
इस बीच, मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन शुक्रवार को जालना के अंतरवाली सराटी गांव में हिंसक हो गया। पुलिस ने हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। साथ ही हवाई फायरिंग की भी खबर है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 360 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
मालूम हो कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिया था, लेकिन मई 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने अन्य आधारों के अलावा कुल आरक्षण का 50 प्रतिशत की ऊपरी सीमा का हवाला देते हुए इस फैसले को रद्द कर दिया था।